1100 करोड़ के स्टाम्प नष्ट करने का देखे वीडियो: 2015 में ई-रजिस्ट्रेशन शुरू होने के कारण बंद हो गया था उपयोग; एक हफ्ते चलेगी प्रोसेस

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इंदौर19 मिनट पहले
सात साल पहले ई रजिस्ट्रेशन शुरू होने के कारण प्रचलन में बंद हुए इंदौर की ट्रेजरी में रखे 1100 करोड़ रुपए के 30 लाख स्टाम्प को नष्ट करने की स्पेशल प्रोसेस शुरू कर दी गई है। प्रदेश स्तर की बात करें तो अभी 7 हजार करोड़ रु. के स्टाम्प डम्प किए जाने हैं। इन्हें भी स्पेशल प्रोसेस में नष्ट किया जाएगा। इसके तहत पहले नष्ट हुए स्टाम्प की लुगदी बनाई जाएगी और फिर उससे नया कागज बनाया जाएगा।
दरअसल शासन ने जुलाई 2015 में ई रजिस्ट्रेशन प्रोसेस लागू की थी जिसके चलते तब से 500 रुपए से 25 हजार रुपए तक के स्टाम्प का प्रचलन बंद हो गया था। इसके बाद 1100 करोड़ रुपए के स्टाम्प्स ट्रेजरी में सुरक्षित रख दिए गए थे। नियमों के तहत इन स्टाम्प को नष्ट करने के लिए शासन को निर्णय लेना था। इसके तहत भोपाल से जारी निर्देश के बाद इंदौर में इन स्टाम्प्स को नष्ट करने की प्रोसेस तीन दिन पहले शुरू की गई है। इन्हें नष्ट करने का ठेका एमएस ट्रेडर्स नामक कंपनी को दिया है।
दो रूम भरकर पड़े हैं स्टाम्प्स
इस प्रोसेस के निपटान के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनी है। इसमें अपर कलेक्टर पवन जैन अध्यक्ष हैं जबकि वहीं डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार बीके मोरे और ट्रेजरी ऑफिसर टीएस बघेल सदस्य हैं। इसके लिए भोपाल से ही वेंडर नियुक्त किया गया है। इसमें सात लोगों की टीम एक हफ्ते तक यह काम करेगी। इसमें पहले मशीन से स्टाम्प के चार टुकड़े किए जा रहे हैं। फिर इन्हें बोरों में भरा जा रहा है। हर स्टाम्प बंडल का नंबर वीडियो में लिया जा रहा है। ट्रेजरी ऑफिस के दो रूम इन स्टाम्म्स के बंडल से ही भरे हैं। यहां से स्टाम्प के टुकड़े एक फैक्टरी में जाएंगे, जहां लुगदी बनेगी। इसके बाद इनका फिर से कागज बनाने में उपयोग हो सकेगा।

यह है पूरी प्रोसेस
– इसके तहत 32 लाख स्टाम्प्स के मशीन से पहले चार टुकड़े किए जा रहे हैं।
– दूसरी प्रोसेस में इसके बाद इनकी लुगदी बनाई जाएगी।
– अगली प्रोसेस में लुगदी से दोबारा पेपर बनाया जा सकेगा।
– सारे स्टाम्प नष्ट करने में करीब एक हफ्ता लगेगा।
– जिला प्रशासन द्वारा इसकी वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
इन स्टाम्प्स को किया जा रहा है नष्ट
– 500 रुपए कीमत के 9.34 लाख रुपए के स्टाम्प्स।
– 1 हजार रुपए के कीमत के 9 लाख रुपए के स्टाम्प्स।
– 5 हजार रुपए कीमत के 7.50 लाख रुपए के स्टाम्प्स।
– 10 हजार रुपए कीमत के 3.42 लाख रुपए के स्टाम्प्स।
– 20 हजार रुपए कीमत के 86,437 रुपए के स्टाम्प्स।
– 25 हजार रुपए कीमत के 1,263 स्टाम्प्स।
तीन सदस्यीय कमेटी कर रही मॉनटरिंग

स्टाम्प्स नष्ट करने की मॉनिटरिंग करते अधिकारी।
इस प्रोसेस के निपटान के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनी है। इसमें अपर कलेक्टर पवन जैन अध्यक्ष हैं जबकि वहीं डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार बीके मोरे और ट्रेजरी ऑफिसर टीएस बघेल सदस्य हैं। इसके लिए भोपाल से ही वेंडर नियुक्त किया गया है। इसमें सात लोगों की टीम एक हफ्ते तक यह काम करेगी। इसमें पहले मशीन से स्टाम्प के चार टुकड़े किए जा रहे हैं। फिर इन्हें बोरों में भरा जा रहा है। हर स्टाम्प बंडल का नंबर वीडियो में लिया जा रहा है। ट्रेजरी ऑफिस के दो रूम इन स्टाम्म्स के बंडल से ही भरे हैं। यहां से स्टाम्प के टुकड़े एक फैक्टरी में जाएंगे, जहां लुगदी बनेगी। इसके बाद इनका फिर से कागज बनाने में उपयोग हो सकेगा।
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