108 साल की बुजुर्ग को भेंट की स्वर्ण सीढ़ियां: 100 लोगों का बड़ा परिवार, इस उम्र में भी परिवार के एक-एक आदमी को नाम से पहचानती हैं

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झाबुआएक घंटा पहले
झाबुआ में 108 साल की बुजुर्ग महिला को उनके पर-पोते-पोतियों ने स्वर्ण सीढ़ी भेंट की। दरअसल राजपूत समाज में परंपरा है कि कोई बुजुर्ग अगर 100 साल की उम्र पार कर जाता है उनके पर पोते उन्हें सोने की सीढ़ी भेंट करते हैं। इसे एक उत्सव की तरह मनाया जाता है। झाबुआ के डाबड़ी गांव की रहने वाली गेंद कुंवर के परिवार का दावा है कि उनकी उम्र 108 साल हो चुकी है। गेंद कुंवर के चार बेटे, तीन बेटियां, छह पोते, छह पोतियां और 12 पर पोते पोतिया हैं। इसलिए स्वर्ण सीढ़ी समारोह आयोजित कर इसे उत्सव के रूप में मनाते हुए पूरा परिवार उनका आशीर्वाद ले रहा है।
पूरे परिवार को जोड़कर देखा जाए तो गेंद कुंवर के परिवार की संख्या की 100 से ज्यादा होती है। गैंगवार के मायके पक्ष के भाई-बहन और उनके पोते पोतियो को जोड़ा जाए तो यह संख्या 200 पार हो जाती है। गेंद कुंवर के स्वर्ण सीडी समारोह में परिवार जनों ने हिस्सा लिया, 108 साल पूरे कर चुकी गेंद कुंवर ने सभी को आशीर्वाद दिया। उम्र के इस पड़ाव में वे कमजोर जरूर दिखाई देती हैं। लेकिन याददाश्त अब भी दुरुस्त है और नजरे भी बराबर हैं। इस उम्र में भी वे रोजाना रामायण पाठ करती हैं वह भी बिना चश्मे के। याददाश्त ऐसी है कि सभी को नाम से पहचानती हैं।
सबसे छोटे पर पोतो की उम्र 4 साल
गेंदकुंवर के सबसे बड़े बेटे जसवंत सिंह राठौड़ जिनकी उम्र 86 साल है और उनके सबसे छोटे पर पोते नक्षराज की उम्र साढ़े 4 साल है। रतलाम जिले के जड़वासा के चंद्रावत परिवार से ताल्लुक रखने वाली गेंद कुंवर का विवाह झाबुआ के डाबड़ी में करणसिंह राठौर से हुआ था। गेंद कुंवर की दो बहनों की शादी भी डाबड़ी में करणसिंह के भाइयों से हुई थी। गेंद कुंवर ने 2018 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में में अपना वोट भी किया था।
जब पूरा परिवार एकत्र हुआ तो गेंदकुंवर की खुशी का ठिकाना ना रहा। सभी को उन्होंने तिलक लगाया, अपनी और उपहार और शगुन भी भेंट किया। मायके और ससुराल पक्ष के करीब 200 परिवार सदस्यों ने गेंदकुंवर से आशीर्वाद लिया
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