Chhattisgarh

हिंदी दिवस पर हिंदी के व्याख्याता अनुराग का हुआ स्वागत

जांजगीर, 15 सितंबर । हिंदी दिवस पर शासकीय व निजी विद्यालयों में अनेक कार्यक्रमो का आयोजन किया गया इसी कड़ी में आज 14 सितंबर को राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता अनुराग जी का ग्राम कुटरा के जनप्रतिनिधियों व विद्यालय परिवार के शिक्षकों के साथ बच्चों ने भी अभिनंदन समारोह का आयोजन किया . इस अभिनंदन समारोह में सर्वप्रथम मा सरस्वती की अराधना की गई उसके बाद विद्यालय के प्राचार्य सहित समस्त जनप्रतिनिधियों के द्वारा उदबोधन दिया गया. उदबोधन की प्रथम कड़ी में बोलते हुए व्याख्याता श्री लोकपाल सिंह जी ने कहा की हम सभी के लिए यह गर्व की बात है की ग्राम कुटरा के एक युवा व कर्मठ शिक्षक को राज्य स्तर पर पुरस्कार से समानित किया गया. विद्यालय में ज़ब से मेरा आगमन हुआ उस समय से लेकर अब तक मुझे उनकी कर्मठता हर स्थान पर दिखाइ पड़ती है. समय की पाबंदी उनकी सबसे बड़ी खासियत है जो हम सभी कों अनायास ही उनकी ओर खींच लेती है. इसके बाद ग्राम पंचायत कुटरा के पूर्व सरपंच रामकुमार खरे जी ने कहा की किसी व्यक्ति की महानता जाननी हो तो उसकी प्रशंसा ज़ब दूसरे लोग करें तो जानी जा सकती है मै ज़ब जिला जांजगीर चाम्पा के विशाल ग्रंथालय में धार्मिक पुस्तकों के बारे में जानने पहुंचा तो वहां मुझे एक यादव जी मिले जो उस ग्रंथालय के प्रभारी थे उन्होंने जब यह जाना कि मैं कुटरा से आया हूं तों उन्होंने मुझे एक ही वाक्य कहा की वहाँ अनुराग जी है जिनकी चर्चा प्रदेश स्तर पर होती है यह सुनकर मुझे ख़ुशी महसूस हुई की हमारे गाँव का कोई तो है जिसकी चर्चा प्रदेश स्तर पर है. जनभागीदारी एवं विकास समिति के अध्यक्ष गुलाब चंद्र पांडेय जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि विद्यालय में 2009 से जब से अनुराग जी ने अपने कदम रख तब से नित नए परिवर्तन होते ही जा रहे हैं राज्यपाल पुरस्कार से उनका सम्मानित होना ऐसा है मानो यह सम्मान हम सबको मिला है मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं और शासन से अनुरोध करता हूं कि जब तक कुटरा विद्यालय यहां संचालित हो रहा है तब तक वह यहां पदस्थ रहे! विद्यालय के प्राचार्य संदीप श्रीवास्तव जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कुछ ऐसे लोग होते हैं जो अपने कामों से जाने जाते हैं अनुराग जी उन लोगों में शामिल हैं जिनके कामों की प्रशंसा जितनी भी की जाए वह कम है वास्तव में विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का श्रेय उन्हीं को जाता है राज्यपाल पुरस्कार मिलना यह साबित करता है कि उनके कार्यों की सराहना आज प्रदेश स्तर पर हो रही है, विद्यालय के भौतिक विभाग के व्याख्याता श्री महावीर विसर्जन जी ने अभिनंदन समारोह में उनके बारे में बात करते हुए कहा कि मैं जब से इस विद्यालय में आया हूं मुझे यह आश्चर्य होता है कि एक हिंदी का व्याख्याता इतना जीवंत होकर भी अपनी बात रख सकता है उनको राज्यपाल पुरस्कार मिलना ऐसा लग रहा है मानो यह पुरस्कार हम सभी को मिला हो, विद्यालय में संस्कृत विभाग के व्याख्याता अवधेश शर्मा जी ने कहा कि मैं अनुराग जी के नित्य नए नवाचारों को देखकर काफी प्रभावित होता हूं और मैं अपनी ओर से प्रयास भी करता हूं कि अपने विषय में भी उनके ही समान में विविधता ला सकूं! उनकी सबसे बड़ी गुण उनकी विनम्रता है जो मुझे प्रभावित करती है अभिनंदन समारोह की अंतिम कड़ी में राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता अनुराग तिवारी जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि 2005 से जब से मैं इस विद्यालय में कदम रखा नित नवाचार करना मैंने अपना लक्ष्य बना लिया एक पिता जैसे अपने बच्चों का ध्यान रखा करता है वैसा ही मैं भी उनके बारे में सोचने लगा उन बच्चों की वेशभूषा को परिवर्तित करना मैंने अपना लक्ष्य मान लिया और जूते से इसकी शुरुआत की धीरे-धीरे बच्चे और पलक मेरा साथ देते गए और एक आकर्षक वेशभूषा उनकी पहचान बन गई! कारवां यही नहीं रुका ग्राम के पांडेय परिवार के योगदान को मैं जीवन पर नहीं भुला सकता वर्तमान में कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राघवेंद्र पांडेय का अथक प्रयास ही रहा जिनके कारण आज हमको यह भवन मिल पाई और हम आज शिक्षा देने में खुद को सक्षम मान रहे हैं वास्तव में मेरा यह पुरस्कार उनको ही समर्पित है जिनके कार्यों के कारण हम इस योग्य बन पाए हैं कि आज विद्यालय में शिक्षा का ज्ञान सबको बांट रहे हैं.

इसके अलावा उन्होंने विद्यालय में पदस्थ समस्त व्याख्याता को अपनी पुरस्कार का श्रेय दिया ग्राम पंचायत कुटरा के समस्त सरपंचों का भी उन्होंने आभार प्रकट किया जिन्होंने हमेशा अपने कार्यकाल में विद्यालय की प्रगति को अपनी प्रगति मानकर उसमें सहयोग देने का सफल कार्य किया अनुराग जी ने कहा कि विद्यालय की सबसे मुख्य कड़ी बच्चे हैं उनका भी मैं आभार प्रदर्शन करना चाहूंगा जिन्होंने अपना प्रदर्शन बेहतर से बेहतर किया और आज हम शिक्षा जगत में उच्च स्तर पर विराजमान है, कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में विद्यालय के संस्कृत विभाग के व्याख्याता अवधेश शर्मा जी के द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों और जनप्रतिनिधियों का आभार प्रदर्शन किया गया और उनके इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया जो उपस्थित थे
आज के इस कार्यक्रम में व्याख्याता लोकपाल सिंह महावीर विजर्सन मकरम कमलाकर श्रीमती काजल कहरा अवधेश शर्मा उमेश चौबे के के कौशिक दौलत राम थवाइत हेमेश्वर नर्मदा एवं भुवनेश्वर कश्यप सहित अनेक लोग शामिल रहे।

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