जिस प्लांट से निगम के सालाना 7 करोड़ बचते: पहली बार परिषद बैठक में पहुंचीं सांसद का नामकरण विवाद

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भोपाल42 मिनट पहले
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जिस प्लांट से निगम के सालाना 7 करोड़ बचते।
नगर निगम परिषद की बैठक में महापौर मालती राय और परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के बीच मतभेद उजागर हो गए। बैठक में राजधानी में 15 मेगावॉट का विंड एनर्जी प्लांट लगाने का प्रस्ताव रखा गया। निगम कमिश्नर का दावा है कि प्लांट लग जाने से हर साल निगम को 7 करोड़ की बचत होगी।
मालती राय इसे पास कराना चाहती थीं, क्योंकि भाजपा ने नगर निगम के चुनावी घोषणा पत्र में भी इसे शामिल किया था, लेकिन कांग्रेस पार्षदों द्वारा उठाई गई आपत्तियों को आधार बनाकर सूर्यवंशी ने प्रस्ताव को लौटा दिया।
नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा कि फाइल में से मूल नस्ती गायब है। उसके स्थान पर संभागायुक्त कार्यालय से लाकर फोटो कॉपी संलग्न है। निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने पूरी योजना का प्रेजेंटेशन भी दिया। उन्होंने कहा कि विंड एनर्जी के इस प्लांट से हमें 25 साल तक 4.24 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलेगी।
अभी नगर निगम 5.95 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिल चुकाता है। हर महीने 2 करोड़ रुपए बिजली बिल देना होता है। इस पर विपक्ष के गुड्डू चौहान, मो सरवर और दिव्यांशु कंसाना ने कहा कि आज नगर निगम में तनख्वाह नहीं बंट रही, बिजली का बिल जमा नहीं हो रहा, कई जरूरी काम अटके हुए हैं। ऐसे में बिजली प्लांट के लिए राशि कहां से आएगी?
अपने तर्क पर अड़ी रहीं शबिस्ता…
विपक्ष की आपत्तियों का जवाब देने के लिए निगम कमिश्नर ने कई तर्क रखे, लेकिन शबिस्ता नस्ती गायब होने के आरोप पर अड़ी रहीं। जिसके बाद सूर्यवंशी ने इसे वापस लेने की व्यवस्था दे दी।
हम तो प्रस्ताव को पास कराना चाहते थे
हम तो चाहते थे कि प्रस्ताव पास हो। इससे नगर निगम की बचत हो रही थी। प्लांट लगाने की पूरी प्लानिंग नियमानुसार हुई है और आयुक्त कह चुके हैं कि फाइल गायब नहीं हुई है।
– मालती राय, महापौर
अधिकारी सब्जबाग दिखाते हैं, परीक्षण जरूरी है
अफसर सब्जबाग दिखाते हैं। नस्ती गायब है। गड़बड़ी हुई और मामला जांच में गया तब क्या होगा? भोपाल में स्मार्ट पोल के सपनों का हश्र हम देख चुके हैं। एक बार परीक्षण जरूरी है।
– किशन सूर्यवंशी, परिषद अध्यक्ष
नगर निगम में गायब होती रही हैं फाइलें
दो दशक पहले नगर निगम ने भानपुर खंती की जमीन पर कचरे से बिजली बनाने का प्लान तैयार किया था। एक निजी कंपनी को भानपुर खंती की जमीन आवंटित की जाना थी। मामले में विवाद हुआ और कुछ दिनों बाद इसकी फाइल ही गायब हो गई। जमीन और गुमठी आवंटन की जांच करने वाली जगतपति कमेटी से संबंधित फाइलें और अशोक विहार कॉलोनी में प्लॉट आवंटन से संबंधित फाइलें भी निगम से गायब हो चुकी हैं।
तस्वीर का दूसरा पहलू- इंदौर ने भोपाल के अफसरों से ली प्लांट की जानकारी
इंदौर ने 250 करोड़ से विंड एनर्जी प्लांट का टेंडर जारी किया था, जिसे वापस ले लिया और अब भोपाल की तर्ज पर निजी कंपनी से समझौता कर प्लांट लगाने पर विचार हो रहा है। इंदौर ने भोपाल से पूछा है कि उन्होंने यह योजना कैसे बनाई? कमिश्नर कोलसानी इस प्लांट की योजना में खासी रूचि ले रहे हैं। परिषद कार्यकाल से पहले नीमच में ही 20 मेगावॉट का सोलर एनर्जी प्लांट मंजूर हो चुका है, जो अगले साल मार्च तक काम करने लगेगा।
यह मुद्दे भी उठे-कमर साकिब की योग्यता की जांच कराने को कहा
कमर साकिब की योग्यता की जांच कराने को कहा
बैठक में अतिक्रमण अधिकारी कमर साकिब का मामला भी उठा। नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी का कहना था कि साकिब अतिक्रमण अधिकारी के पद की योग्यता नहीं रखते हैं। सूर्यवंशी ने साकिब की योग्यता की जांच करने के निर्देश दिए और कहा कि यदि साकिब योग्यता नहीं रखते हैं तो उन्हें मूल पद पर वापस किया जाएं। बैठक में गोदरमऊ में बीडीए कॉलोनी में 14.69 करोड़ रुपए से पानी सप्लाई का प्रस्ताव पारित हो गया।
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