Chhattisgarh

हसदेव दर्री बराज के 14 गेटों की मरम्मत व पेंटिंग शुरू, 2 करोड़ की लागत से होगा कार्य, पुराने पुल पर आवागमन प्रतिबंधित

कोरबा,26 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित हसदेव दर्री बराज के 14 गेटों की मरम्मत एवं पेंटिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। लगभग दो करोड़ रुपए की लागत से कराए जा रहे इस कार्य के चलते बराज के ऊपर बने पुराने पुल से आवागमन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से उठाया गया है। इस पूरे कार्य को पूर्ण करने में करीब छह माह का समय लगने का अनुमान है।

हसदेव दर्री बराज के गेटों की मरम्मत इससे पहले करीब 10 वर्ष पूर्व कराई गई थी। लंबे समय के बाद अब दोबारा व्यापक स्तर पर मरम्मत और पेंटिंग का कार्य किया जा रहा है। कार्य के अंतर्गत गेटों की सफाई सैंड ब्लास्टिंग तकनीक से की जाएगी, जिससे जमी हुई गंदगी और जंग पूरी तरह हटाई जा सके। इसके बाद दोनों ओर पेंटिंग के लिए स्टॉप लॉक लगाए जाएंगे, ताकि कार्य सुरक्षित और सुचारु रूप से किया जा सके।

विशेषज्ञों के अनुसार यह कार्य अत्यंत जोखिम भरा होता है, लेकिन समय पर पेंटिंग और मरम्मत नहीं होने पर गेटों में जंग लगने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे बराज की संरचनात्मक मजबूती प्रभावित हो सकती है। हसदेव दर्री बराज को बने लगभग 61 वर्ष हो चुके हैं और इसमें सामान्यतः 941 फीट तक पानी का भराव बना रहता है। यह बराज क्षेत्र के औद्योगिक संस्थानों के लिए पानी की आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियां भी इसी बराज से सीधे पानी लेती हैं, इसी कारण जलस्तर को हमेशा मेंटेन कर रखा जाता है।

जलस्तर में कमी आने की स्थिति में बांगो बांध से पानी लेकर संतुलन बनाए रखा जाता है। इसके अतिरिक्त नहरों के माध्यम से सिंचाई के लिए भी समय-समय पर पानी छोड़ा जाता है। बराज के नीचे समानांतर नया पुल बनने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही पहले ही बंद कर दी गई थी। फिलहाल पुराने पुल से केवल छोटे वाहनों की आवाजाही होती थी, जिसे अब मरम्मत कार्य के चलते पूरी तरह रोक दिया गया है। हालांकि नए पुल के निर्माण से आम नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।

हसदेव दर्री बराज के कार्यपालन अभियंता एस.एन. साय ने बताया कि यह कार्य बारिश से पहले हर हाल में पूरा करना आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए अभी से मरम्मत और पेंटिंग का कार्य शुरू कराया गया है। उन्होंने कहा कि बराज की सुरक्षा और दीर्घकालीन उपयोगिता को बनाए रखने के लिए यह कार्य अत्यंत जरूरी है।

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