हवा की सेहत: दीपावली पर महाराज बाड़ा क्षेत्र की वायु गुणवत्ता रही ठीक, अब स्थिति बिगड़ी

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ग्वालियरएक घंटा पहले
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चेतकपुरी स्थित मैरिज गार्डन में कचरे से निकलता धुंआ।
वायु प्रदूषण के मामले में हमारा शहर इन दिनों फिर सुर्खियों में है। प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों में ग्वालियर के नाम टॉप-थ्री में है, लेकिन मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों को सही माने तो शहर के ह्रदय स्थल कहे जाने वाले महाराज बाड़ा क्षेत्र में 17 से 31 अक्टूबर कर वायु गुणवत्ता की स्थिति ठीक रही। इन 15 दिनों में केवल पांच दिन पीएम-10 का स्तर निर्धारित मानक 100 माईक्रोग्राम प्रतिघन मीटर और तीन दिन पीएम-2.5 का स्तर निर्धारित मानक 60 से ज्यादा रहा। हालांकि 9 से 11 नवंबर तक के आंकड़े चिंताजनक हैं। यहां बता दें कि मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर वर्ष दीपावली के चलते होने वाले प्रदूषण की निगरानी रखने के लिए पंद्रह दिन पीएम-10 व 2.5 व अन्य की मानिटरिंग करता है।

9 से 11 नवंबर तक दो ऑनलाइन स्टेशन पर एक्यूआई 300 के पार
शहर के दो ऑनलाइन स्टेशन, महाराज बाड़ा और सिटी सेंटर के आंकड़े चिंताजनक है। 9 से लेकर 11 नवंबर तक एक्यूआई का आंकड़ा 300 के पार रहा। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहले ही ये कह चुका है कि मशीन से भेजे जा रहे आंकड़ों की गणना में कुछ त्रुटि है। यही कारण है कि समीर और ईएनवी अलर्ट एप के आंकड़ों में अंतर आ रहा है। लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन्हीं आंकड़ों के आधार पर ग्वालियर की स्थिति को ठीक नहीं मान रहा है।
मौसम में उतार-चढ़ाव से आया अंतर
त्योहार में गतिविधियां बढ़ने से कुछ समय के लिए वायु प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ। राहत की बात ये रही कि केवल पांच दिन के भीतर ही स्थितियां सामान्य हो गईं। नवंबर में ऑनलाइन मॉनिटरिंग स्टेशन के आंकड़ों के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से भी ज्यादा रहा, जो कि खराब की श्रेणी में आता है। प्रदूषण बढ़ने का एक कारण मौसम में उतार-चढ़ाव भी रहा है। और ठंडक पड़ने व हवा की गति में कमी आने से वायु प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा। नमी भी इसमें अहम रोल निभाएगी। -एचएस मालवीय, क्षेत्रीय अधिकारी, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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