हरपालपुर में चल रहे तीन क्रेशर: ट्रेन निकलने के दौरान भी हो रहे ब्लास्ट, धमाकों से दहल रही रेलवे लाइन

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छतरपुर (मध्य प्रदेश)9 घंटे पहले
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छतरपुर जिले के हरपालपुर में खजुराहो की तरह हरपालपुर के सरसेड़ में भी रेलवे लाइन के पास क्रशर व पत्थर खदानें संचालित की जा रही है। रेलवे लाइन से 500 मीटर की दूरी पर संचालित इन खदानों से हैवी विस्फोट होने पर न केवल रेलवे लाइन दहल रही है, बल्कि कई बार रेल लाइन व आसपास के किसानों के खेत व घरों में पत्थरों की बौछार हो रही है। स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन को शिकायतें भी की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
ऐसे में खजुराहो हादसे के बाद सरसेड़ में रेलवे लाइन के पास चल रही खदानों पर रोक नहीं लगने से हादसे की आशंका बनी हुई है। जिसके चलते शनिवार को खनिज व राजस्व की संयुक्त टीम ने निरीक्षण कर पंचनामा तैयार किया।

ट्रेनों के गुजरने के दौरान भी होते हैं विस्फोट
हरपालपुर से झांसी-मानिकपुर रेलवे लाइन निकली हैं। जिससे सुफर फास्ट, एक्सप्रेस, पैंसिजर ट्रेन गुजरतीं हैं। पत्थर खदानों में मनमाने तरीके पत्थर निकालने ने लिए की जाने वाली ब्लास्टिंग आसपास का समूचा इलाका हिल जाता है, विस्फोट की धमक 6 किलोमीटर दूर हरपालपुर सुनी जा सकती हैं। तो वहीं ब्लास्टिंग से छोटे पत्थर के टुकड़े झांसी-मानिकपुर रेलवे लाइन पर गिरते हैं।

ट्रेन निकलने के दौरान हो रहे ब्लास्ट
खदानों में होने वाली ब्लास्टिंग का कोई समय निर्धारित न होने ट्रेन निकलने के दौरान भी इन खदानों में ब्लास्टिंग का सिलसिला चलता रहता है। खदानें 30 मीटर से के लगभग पथ्थर उत्खनन से गहरी हो गई। जिनमे 5 से 6 इंची होल कर विस्फोटक भर कर ब्लास्ट किया जाता हैं। जिस कारण कभी बड़ा हादसा हो सकता हैं। इस सबके बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं।

सुंयुक्त टीम ने किया निरीक्षण
खनिज व राजस्व की संयुक्त टीम ने रेलवे लाइन के मध्य से क्रशर व खदानों की दूरी का पंचनामा बनाया। जिसमें सुधा सोनी के नाम संचालित 2 हेक्टेयर की लीज व जगदीश चंद्र सोनी के नाम संचालित 2 हेक्टेयर की लीज का रेलवे लाइन से दूरी मापी गई। पंचनामा के मुताबिक दोनों खदानों 120 मीटर से ज्यादा दूरी पर संचालित होना पाई गई। इस नाम को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। रेलवे लाइन के किनारे से नाप न कर रेल्वे ट्रैक के बीच से की गई। हालांकि किसानों के खेत व घरों में पत्थर गिरने की बात किसानों ने बताई है। जिस पर प्रशासन की टीम प्रतिवेदन तैयार कर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपेगी।
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