हनुमान स्वरूप बंदर की मौत से गांव में मातम, श्रद्धांजलि में हुआ रामायण पाठ

जांजगीर-चांपा। तहसील क्षेत्र के ग्राम सिलादेही भांठापारा में मंगलवार दोपहर एक घायल बंदर की मौत हो गई। ग्रामीणों का मानना था कि यह बंदर भगवान हनुमान का स्वरूप है। उसकी मौत की खबर फैलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
कई दिनों से कर रहे थे सेवा
यह बंदर पिछले कई दिनों से घायल अवस्था में गांव के आसपास दिखाई दे रहा था। ग्रामीण उसकी सेवा और देखभाल कर रहे थे। उसे फल-भोजन खिलाया जा रहा था। जब उसकी हालत बिगड़ी, तो ग्रामीणों ने तुरंत पशु चिकित्सा हेल्पलाइन 1962 पर कॉल कर डॉक्टर को बुलाया। मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सक ने जांच के बाद बंदर को मृत घोषित कर दिया।
लाल कपड़े से दी कफन, भावनाओं के साथ किया अंतिम संस्कार
बंदर की मौत की खबर फैलते ही पूरा गांव उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने अत्यंत श्रद्धा के साथ उसके शव को लाल कपड़े से कफन दिया। शनि मंदिर के पास अंतिम दर्शन करवाए गए और फिर विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे, सभी की आंखें नम थीं।
रात में हुआ रामायण पाठ, बनेगा हनुमान मंदिर
घटना के बाद रात में ग्रामीणों ने रामायण पाठ का आयोजन किया। श्रद्धांजलि सभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिस स्थान पर बंदर का अंतिम संस्कार किया गया है, वहीं हनुमान मंदिर का निर्माण किया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि यह बंदर उनके लिए कोई साधारण जानवर नहीं था, बल्कि भगवान हनुमान का प्रतीक था। उसकी स्मृति में मंदिर निर्माण कर गांव में भक्ति और सद्भाव का संदेश दिया जाएगा।