कूनो : दो चीते बड़े बाड़े में छोड़े: सूचना नहीं देने पर वन मंत्री बिफरे, कहा- मनमाने ढंग से लिया फैसला, तेंदुओं से चीतों की जान को खतरा

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श्याेपुर/भोपाल26 मिनट पहले

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कूनाे नेशनल पार्क में बंद आठ नामीबियाई चीताें में से दाे नर चीताें काे शनिवार की शाम 6:30 बजे बड़े बाड़े में छाेड़ दिया गया है। - Dainik Bhaskar

कूनाे नेशनल पार्क में बंद आठ नामीबियाई चीताें में से दाे नर चीताें काे शनिवार की शाम 6:30 बजे बड़े बाड़े में छाेड़ दिया गया है।

कूनाे नेशनल पार्क में बंद आठ नामीबियाई चीताें में से दाे नर चीताें काे शनिवार की शाम 6:30 बजे बड़े बाड़े में छाेड़ दिया गया है। ये वही चीते हैं, जिनकाे प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने 17 सितंबर काे बाड़े में छोड़ा था। इधर, बिना बताए चीते छोड़े जाने पर वन मंत्री विजय शाह नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि अफसरों ने जल्दबाजी में और मनमाने ढंग से यह फैसला किया है, इससे चीतों की जान खतरे में पड़ सकती है। वहां मौजूद तेंदुओं से टकराव की आशंका है।

वन मंत्री ने कहा कि जिन चीतों के भारत की धरती पर लाने के लिए देश ने 70 साल लंबा इंतजार किया है, उनकी सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। उनके बारे में जल्दबाजी और जनप्रतिनिधियों को सूचना दिए बगैर कोई काम करना गैर जिम्मेदाराना है, वहीं इस मुद्दे पर जब हमने पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जेएस चौहान से बात की तो उन्होंने पूरी बात सुने बिना ही फोन काट दिया। इसके बाद उनसे दोबारा संपर्क किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। चीता प्रोजेक्ट से जुड़े एक्सपर्ट ने बताया कि सभी 8 चीते अब बड़े बाड़े में छाेड़े जाने की स्थिति में हैं। यदि कोई बाधा नहीं आई तो कुछ और चीताें काे रविवार काे रिलीज किया जा सकता है।

ड्राेन के जरिए बाड़े का पूरा प्रेजेंटेशन देखा
चीते छोड़ने से पहले चीता टास्क फाेर्स के सदस्याें ने ड्राेन के जरिए बाड़े का पूरा प्रेजेंटेशन देखा। टास्क फाेर्स के सदस्य एनटीसीए के आईजी अमित मलिक, पीसीसीएफ वन्यजीव जेएस चाैहान, वन बल प्रमुख आरके गुप्ता और डब्ल्यूआईआई के डीन वायवी झाला के साथ नामीबियाई एक्सपर्ट बाट ने चीताें काे छोड़ने को लेकर चर्चा की। इसमेंं तय किया गया कि चीताें काे सेपरेट बाड़े में बंद हुए 50 से अधिक दिन हो गए हैं, इसलिए इनकाे बड़े बाड़े में छाेड़ने में देर नहीं करनी चाहिए।

80 दिन बाद शिकार करेंगे
बड़े बाड़े में रिलीज किए गए दाेनाें चीते 80 दिन बाद शिकार करेंगे। भारत लाने से पूर्व इन चीताें काे एक माह के लिए नामीबिया में क्वारंटीन रखा गया था। कूनो में भी यह 50 दिन क्वारंटीन रहे। इस तरह अब 80 दिन बाद इन्हें बड़े बाड़े में शिकार का अवसर मिलेगा। इस बाड़े में चीतों के शिकार के लिए चीतल, सांभर और हिरण आदि पशु हैं।

अफसर कम से कम सूचना तो दे देते, कूनो जरूर जाते
भले ही हम चीता टास्क फोर्स में शामिल नहीं हैं, लेकिन अफसर कम से कम मुख्यमंत्री और मुझे इसकी सूचना तो दे सकते थे। दोनों को मीडिया के जरिए देर रात जानकारी मिली है। अफसरों ने हमें अंधेरे में रखा। सूचना मिलती तो कूनो जरूर जाते। – विजय शाह, वन मंत्री

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