सुसाइड के लिए उकसाने में इंदौर देश में नंबर वन: शेल्टर होम में यौन शोषण के 53 में से 29 मामले यहीं पर, देखिए रिपोर्ट…

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इंदौर डेस्क32 मिनट पहले
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) 2021 की रिपोर्ट ने इंदौर को पूरे देश में शर्मसार कर दिया है। टियर-1 की 8 मेट्रो सिटीज (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, अब हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बताएंगे कि क्राइम के लिए देश में कैसे बदनाम होता जा रहा है इंदौर…
NCRB की रिपोर्ट में टियर-1 के 8 शहरों समेत 19 मेट्रोपोलियन सिटीज का डेटा जारी किया गया है। रिसर्च में 20 से 25 लाख की आबादी वाले देश के 7 शहरों की इंदौर से तुलना की है। इनमें नागपुर, पटना, गाजियाबाद, कोच्चि, कोझिकोड और कोयम्बटूर शामिल हैं। इन्हें पछाड़कर इंदौर क्राइम में नंबर-1 पर है। टियर-2 सिटीज में भी क्राइम में सिर्फ जयपुर, सूरत ही इंदौर से आगे हैं, जिनकी आबादी भी अधिक है। बता दें, देश में बड़े शहरों में सबसे कम क्राइम कोलकाता में दर्ज हुए हैं।
यौन शोषण में भी इंदौर के क्राइम रेट का नंबर देश में तीसरा है, लेकिन राहत इतनी सी है कि इंदौर में सिटी ट्रांसपोर्ट में छेड़छाड़ का कोई मामला पूरे साल नहीं आया। एसिड अटैक का एक भी मामला यहां दर्ज नहीं किया गया। इंदौर में 2018 में डांसर पर एसिड फेंका गया था। इसमें उसकी आंखों की रोशनी चली गई थी।
सबसे विकसित शहरों को टियर-1, अविकसित को टियर-2 और टियर-3 शहर कहा जाता है। RBI शहरों को उनकी आबादी के आधार पर टियर 1-6 कैटेगरी में रखता है।
अब देखिए, 20 से 25 लाख आबादी वाले 7 शहरों की तुलना में इंदौर कहां है…

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ वाले नारे के बीच शेल्टर होम बदनुमा दाग
मध्यप्रदेश ने नारा दिया था कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। सुरक्षा के लिहाज से इंदौर में पुलिस कमिश्नरी तक लागू कर दी है, पर हालत जानकर आप चौंक जाएंगे। साल 2021 में महिला-बच्चों के शेल्टर होम में छेड़छाड़ के सबसे ज्यादा मामले इंदौर में आए हैं। यहां 29 मामले दर्ज हुए, जबकि पूरे देश में यह संख्या 53 है। यानी आधे से भी ज्यादा। जयपुर को छोड़कर देश के अन्य शहरों में यह मामले इक्का-दुक्का ही रहे हैं।
ऐसे समझिए स्थिति…

शेल्टर होम में महिला, बच्चे दोनों को रखा जाता है। कई एनजीओ और अन्य संस्थाएं इसे चलाती हैं। यहां छेड़छाड़ के मामले आना चिंता का विषय है।
दुष्कर्म से जुड़ी घटनाओं का क्राइम रेट देश में तीसरे नंबर पर
इंदौर के दुष्कर्म से जुड़ा क्राइम रेट देश में टॉप-3 में है। इंदौर से आगे पूरे क्राइम रेट केवल दिल्ली और जयपुर का ही है। जयपुर में बीते साल 503 तो दिल्ली में 1232 केस दर्ज हुए। इंदौर में यह संख्या 165 केस है। समीक्षकों का मानना है कि इंदौर में अन्य शहरों की तुलना में प्रति एक लाख की आबादी पर करीब 16 रेप केस दर्ज हो रहे हैं। यह अन्य शहरों की तुलना में कहीं ज्यादा है।
हिंदी भाषी इलाकों में लापरवाही से गाड़ी चलाकर घायल करने में इंदौर से आगे कोई नहीं
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इंदौर के लोग सबसे ज्यादा रश ड्राइविंग करके चोट पहुंचाते हैं। रश ड्राइविंग से जुड़े क्राइम रेट में सिर्फ केरल के कोच्चि, काझिकोड ही देश में हमसे आगे हैं। इसके बाद इंदौरियों का ही नंबर आता है। यहां 2021 में 2494 हादसे रिपोर्ट किए गए। कोच्चि में 3306 तो कोझिकोड में 2608 केस सामने आए थे।

सुसाइड के लिए सबसे ज्यादा उकसाने की जानकारी डराने वाली है…
आत्महत्या के लिए उकसाने वाले शहरों में इंदौर देश के सभी 19 मेट्रोपोलिटन शहरों में टॉप पर हैं। यहां 56 लोगों ने किसी से तंग आकर सुसाइड किया। इंदौर की प्रति एक लाख की आबादी में पिछले साल 2.6 लोगों ने परेशान होकर सुसाइड किया है। ये खुलासा आत्महत्या करने वालों के सुसाइड नोट से हुआ। हाल ही में एक परिवार ने भी इसी तरह सुसाइड किया है, वह फ्रॉड लोन एप वालों से परेशान था। पुलिस इसकी जांच भी कर रही है।

इंदौर में मामले 56 हैं। सबसे ज्यादा बेंगलुरु में हैं, लेकिन प्रति लाख आबादी पर इस मामले में भी इंदौर का क्राइम रेट हाई है।
नशे के मामले में इंदौर देश में तीसरा, जुए-सट्टे में चौथा नंबर
इंदौर में पिछले साल एनडीपीएस, अवैध शराब और ड्रग्स के 4600 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। एनडीपीएस एक्ट के 1414 मामले दर्ज हुए। यह मुंबई के 7089 और बेंगलुरु के 4555 के बाद सबसे ज्यादा है। ड्रग्स के मामले भी 1300 से ज्यादा हैं। इतना ही नहीं क्रिकेट सट्टे के यहां 1262 केस दर्ज हुए। इंदौर से आगे अहमदाबाद (1688), दिल्ली (1977) और जयपुर (2035) है।

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