Chhattisgarh

सुपेला थाना में फिल्म अभिनेता मनोज राजपूत के खिलाफ FIR दर्ज, जानिए पूरा मामला…

भिलाई – दुर्ग के बहुचर्चित बिल्डर, जमीन व्यापारी व फिल्म अभिनेता मनोज राजपूत के खिलाफ सुपेला थाना में केस दर्ज किया गया है. FIR में उल्लेख है कि उसने अपने आपराधिक मामले छिपाते हुए गलत तरीके से शपथ पत्र बनाया और पासपोर्ट के लिए सुपेला थाने में अनापत्ति पत्र ले लिया हालांकि पुलिस की जानकारी में जब यह मामला सामने आया तो पुलिस के पत्र पर पासपोर्ट कार्यालय से मनोज राजपूत का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया मनोज राजपूत के खिलाफ सुपेला थाना में अपराध क्रमांक 806/2025 भा.द.सं 1860 की धारा 420, व पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12 के तहत 14 जुलाई 2025 को अपराध दर्ज किया गया।

पुलिस के अनुसार मनोज राजपूत के खिलाफ अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें रेप, धोखाधड़ी सहित मारपीट के मामले शामिल हैं। आपराधिक प्रवृत्ति की वजह से मनोज राजपूत को दुर्ग के मोहन नगर थाना क्षेत्र में गुंडा बदमाश सूची में भी शामिल किया गया है। नियमानुसार, पासपोर्ट जारी होने से पहले किसी व्यक्ति का क्रिमिनल रिकॉर्ड चेक किया जाया है और पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के आधार पर ही पासपोर्ट जारी होता है। लेकिन, मनोज राजपूत के नाम पर कई मामले दर्ज होने के बाद भी पासपोर्ट जारी होना बड़ा सवाल है।

जानकारी के अनुसार, मनोज राजपूत ने अपने आपराधिक इतिहास को छिपाने के लिए अपने मूल पते में हेरफेर किया।वह मूल रूप से दुर्ग के मोहन नगर थाना क्षेत्र का निवासी है, जहां उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। लेकिन, उसने अपना पता बदलकर सुपेला थाना क्षेत्र का दिखाया पुलिस के अनुसार मनोज राजपूत वर्तमान में वार्ड 03 नगर निगम के पास मोतीलाल नेहरू नगर पश्चिम 20/ 5 निवास करने लगा था मनोज राजपूत ने पासपोर्ट के लिए अपने मोहन नगर का पता न देकर नेहरू नगर के पति से थाने से क्लीयरेंस ले लिया था किंतु पुलिस की जानकारी में आते ही पुलिस ने पत्र भेज कर पासपोर्ट कार्यालय को वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया जिसकी वजह से मनोज राजपूत का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया।

मनोज राजपूत न केवल एक जमीन व्यापारी है, बल्कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अभिनेता और निर्माता के रूप में भी जाना जाता है. उनके खिलाफ पहले से ही दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है. इसके अलावा, धोखाधड़ी और मारपीट जैसे कई अन्य आपराधिक मामले भी उनके नाम पर दर्ज हैं. उनकी कुख्यात गतिविधियों के कारण उन्हें गुंडा-बदमाश की सूची में शामिल किया।

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