सीहोर में आंवला नवमी: कुबेरेश्वर धाम पर महिलाओं ने की अक्षय नवमी की पूजा, आस्था और उत्साह के साथ आंवले की परिक्रमा

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सीहोर17 मिनट पहले

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सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में आंवला नवमी का पर्व मनाया गया। आंवला नवमी पर महिलाओं ने आंवले के पेड और भगवान विष्णु ओर लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की कर कहानी सूनी। भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर महिलाओं ने आंवला नवमीं पर दीपक जलाकर कनकधारा स्त्रोत का पाठ भी किया गया। शाम को मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने आंवले के वृक्ष की परिक्रमा भी की।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने बुधवार को व्यासपीठ से कहा था कि अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने के बाद कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना बहुत उत्तम माना गया है। ऐसा करने से भगवान विष्णु और शिव के साथ माता लक्ष्मी की भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। अक्षय नवमी के दिन सुबह-शाम इस स्त्रोत का पाठ करने से जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है और धन संचय का बल मिलता है।

बुधवार को महिलाओं ने अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष की पूजा-अर्चना भक्तिभाव के साथ की एवं आंवले पेड़ के नीचे भोजन भी की। बात दे कि बुधवार को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि थी और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन अक्षय नवमी का पूजन किया जाता है।

अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ का पूजन किया जाता है। इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत भी करती है। साथी ही इस दिन महिलाएं पूजा-अर्चना कर आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करती है, क्योंकि इस दिन भोजन करना लाभकारी माना जाता है। जिसके चलते मंदिर परिसर में आयोजन किया।

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