सिद्ध क्षेत्र मण्डपा धाम में चल रही भागवत कथा: पं.रवि शास्त्री ने कहा- आदत का बीजारोपण जीवन के प्रारंभिक काल से होना चाहिए

[ad_1]
दमोह2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
सिद्ध क्षेत्र मण्डपा धाम में कलश शोभायात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हुई। कथा के मुख्य श्राेता यजमान सुजाता गाेस्वामी लखन गाेस्वामी के द्वारा भागवत जी का पूजन किया गया। कथा के पहले दिन कथा वाचक आचार्य पं.रवि शास्त्री ने कहा कि आदत का बीजारोपण जीवन के प्रारंभिक काल से होना चाहिए। पहले एक विचार उत्पन्न होता है, फिर वह शारीरिक अभ्यास में लाया जाता है और बार-बार और लगातार दोहराया जाता है। उसी को आदत नाम दिया गया है।
आदत, बिजली की शक्ति के समान तेज और शक्तिशाली होता है, मनुष्य अपनी आदत का एक खिलौना बन जाता है और उसी के आधार पर उसके भविष्य का निर्माण होता है। कारण यह है कि उसे अपनी आदत के समान मित्र, साधन, विचार और अवसर बराबर प्राप्त होते रहते हैं। एक ही आदत वालों में स्वाभाविक प्रेम और एक दूसरे के विरुद्ध आदत वालों में स्वाभाविक भिन्नता बिना किसी परिचय के ही पाई जाती है।
पुरानी आदतें नई आदतों की बजाय अधिक शक्तिशाली होती है। जब कभी आप नई आदतों का बीजारोपण करना चाहते हैं, तो पुरानी आदतें उसमें बार-बार बाधा डालती है और नई आदतों को बढ़ने से रोकती है। जिससे वह नई आदत डालने वाला व्यक्ति घबराकर निराश हो जाता है और जब तक वह आदत के सिद्धांत और असलियत का अनुभव नहीं कर लेता, सोचता है कि वह बदनसीब है, परंतु ऐसा सोचना भूल है। पुरानी आदतें जो आज इतना प्रबल हो रहा है, एक दिन में नहीं पड़ गई है।
काफी लंबे समय तक, काफी दिलचस्पी के साथ अनेक बार उसे क्रिया रुप में परिणित किया गया है। तब वे आज इतने मजबूत बन पाई हैं कि हमारे मन पर वे अधिकार जमा सकी हैं और नई आदतों को न जमाने देने के लिए संघर्ष करती है।
Source link