ब्रह्म योग में मनाई जाएगी काल भैरव जयंती: डॉ. पंडित गणेश शर्मा जी बोले- 16 नवंबर को सुबह 5.49 बजे से शुरू होगा मुहुर्त

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सीहोरएक घंटा पहले

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काल भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार की नकारात्मकता और बुरी शक्तियां दूर होती हैं। स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ पंडित गणेश शर्मा जी ने बताया की काल भैरव की जयंती हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।

इस तिथि पर भगवान शिव के काल भैरव स्वरूप की उत्पत्ति हुई थी। काल भैरव तंत्र-मंत्र के देवता हैं, इसलिए निशिता मुहूर्त में उनकी पूजा की जाती है। भगवान शिव के अत्यंत उग्र स्वरूप कालभैरव जी की जयंती हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार 16 नवंबर बुधवार को जयंती मनाई जाएगी। काल भैरव जयंती के दिन ब्रह्म योग बन रहा है। पंडित गणेश शर्मा के अनुसार काल भैरव जयंती 2022 पंचांग के अनुसार 16 नवंबर, बुधवार को सुबह 5 बजकर 49 मिनट से अगले दिन 17 नवंबर, गुरुवार सुबह 7 बजकर 57 मिनट तक मनाई जाएगी।

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