महालेखाकार का ऑडिटर सूदखोरी के आरोप में गिरफ्तार: भोपाल में गरीबों को कर्ज देकर 20 गुना वसूलता था, पैसा नहीं देने पर एनकाउंटर, जेल भिजवाने की धमकी

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भोपालएक घंटा पहले

भोपाल में ऐशबाग पुलिस ने महालेखाकार कार्यालय में पदस्थ ऑडिटर (लेखापरीक्षक) को सूदखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। वह गरीब-मजदूरों, असहाय लोगों को मदद के बहाने पहले पैसा देता था। इसके बाद मनमानी ब्याज वसूलता था। पैसा नहीं मिलने पर चेक बाउंस के आरोप में फंसाकर जेल भिजवाने, एनकाउंटर कराने की धमकी देता था। आरोपी अपने आफिस, घर से सूदखोरी का गोरखधंधा चला रहा था। पुलिस ने उसके पास से कर्ज लेने वालों के 42 खाली- भरे बैंक चेक, 20 रसीद वाली टिकट हस्ताक्षर किए हुए, आधार कार्ड, फर्जी एग्रीमेंट के कागज, अलग-अलग बैंकों के 9 एटीएम कार्ड, पांच मोबाइल सिम, 10 बैंक पासबुक बरामद की हैं।

उसने हाल में झुग्गी बस्ती में रहने वाले दीन दयाल विश्वकर्मा से 10 हजार के बदले 2.5 लाख रुपए की मांग की थी। दीन दयाल ने उससे कहा था कि वह इतने पैसे नहीं दे सकता। जान दे रहा है। इसके बाद दीन दयाल ने थाने में शिकायत कर दी थी। हरकत में आई पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी कमल किशोर मीणा पिता घनश्याम मीणा को उसके बी- 28 ओल्ड सुभाष नगर से गिरफ्तार किया। वह मूलत: सवाई माधौपुर, राजस्थान का रहने वाला है। महालेखाकार कार्यालय भोपाल में वह लेखापरीक्षक के पद पर पदस्थ है।

सूदखोरी का शिकार हुए पीड़ित का दर्द
मेरा नाम दीन दयाल विश्वकर्मा है। मेरी उम्र 42 वर्ष है। मैं शिवमंदिर के पास बल्लभ भवन झुग्गी अरेरा हिल्स में अपने परिवार के साथ रहता हूं। मेहनत-मजदूरी कर परिवार का किसी तरह पालन पोषण करता हूं। मैंने कोराना की दूसरी लहर में लगे लॉकडाउन के दौरान महालेखाकार कार्यालय में पदस्थ ऑडिटर कमल किशोर वर्मा से 10 हजार रुपए उधार लिए। कमल किशोर ने 10 % के ब्याज पर उधार दिया था। उसने सिक्योरिटी के तौर पर एसबीआई का एक ब्लैंक चेक रख लिया था। ऐसा मेरे साथ आये अन्य साथी जयपाल सिंह, उनकी बेटी नंदनी उईके, नारायण यादव, पप्पू धुर्वे, हेमन्त कुमार, चंद्रेश, नंदराम ने भी कमल मीणा से अलग अलग दिन पैसे ब्याज पर लिए। सिक्युरिटी के तौर पर सभी से खाली चेक लिया था। दीन दयाल ने बताया कि 10% के हिसाब से 6 महीने तक उन्होंने 6 हजार रुपए उसे दिए। इसके बाद वह मुझसे 20% के हिसाब से ब्याज मांगने लगा। तब से अब तक मैं 20% के हिसाब से करीब 24 हजार रुपए दे चुका हूं। हालही में कमल मीणा मुझसे 10 हजार रुपए और मांगने लगा। साथ ही दो महीने का ब्याज एक साथ मांगा। धमकी दी कि नहीं दिया तो खाली चेक बाउंस पर लगा दूंगा। मैने पैसा देने में असमर्थता बताई, तो उसने मुझे धमकी भरे मैसेज भेजे। जिसमें एनकाउंटर कर जान से मारने कि धमकी दी गयी। उसके बाद मुझे वकील द्वारा चेक पर 2 लाख 25 हजार रुपये भर कर चेक बाउंस का केस लगाने कि नोटिस भेज दिया। इसके बाद मैं डर गया। तुरंत ही मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने मुझे ऐसा डराया कि लगता था मैं सुसाइड कर लूं। मेरे साथ भी कई लोग उसकी शिकायत करने थाने पहुंचे।

(जैसा पीड़ित ने दैनिक भास्कर को बताया।)

ऑफिस में काम करने आने वाले मजदूर से खड़ा किया नेटवर्क
आरोपी कमल आफिस में आने वाले मजदूरों को बोलता था कि तुम्हारे बीच में कोई व्यक्ति को पैसों की जरूरत हो तो बताना। हम बैंक से कम ब्याज पर पैसा देते हैं। मजदूर उसकी बातों में आकर अपने से जुड़े लोगों को उससे मिला देते थे। इसके बाद उन्हें 10 हजार रुपए तक कर्ज देता था। पैसा देने के बाद वह एग्रीमेंट करता था। खाली चेक ले लेता था। इसके बाद छह माह तक 10% ब्यॉज वसूलता था। बाद में 20 फीसदी कर देता था। जब उसे लगता था कि सामने वाला व्यक्ति पैसा दे डालेगा तो और अधिक ब्याज बढ़ा देता था। फिर वकील से नोटिस भिजवाता था। पुलिस यह जांच कर रही कि अब तक उसने कितने लोगों से इस तरह की मनमानी वसूली कर चुका है। इसके साथ कोर्ट में चेक बाउंस के कितने केस लगा रखा है।

वाट्सऐप में धमकी भेज डिलीट कर देता था मैसेज
पुलिस की जांच में सामने आया कि कमल मीणा 8656023678 वाटसऐप से कर्ज लेने वालों को धमकी भरे मैसेज करता था। जैसा ही कर्जदार मैसेज देख लेता था वैसे ही आरोपी उसे डीलिट कर देता है। पुलिस की जांच में सामने आया कि 10 हजार रुपए देकर 25 लाख रुपए तक की वसूली करता था। सिक्यूरिटी के तौर पर लोगों से वह ब्लैंक चेक रख लेता था।

आरोपी के पास बरामद सूदखोरी के दस्तावेज

  • 42 खाली- भरे चेक
  • 20 रसीद टिकट। हस्ताक्षर लिए हुए। आधार
  • कोरे कागज जो फर्जी एग्रीमेंट बनवाने के लिए गया था।
  • अलग अलग अकाउंट के 9 एटीएम
  • पांच मोबाइल सिम
  • 10 बैंक पासबुक

झुग्गी बस्तियों में खड़ा किया नेटवर्क
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी दो साल से इस गोरखधंधे में जुटा था। वह आफिस से ही सूदखोरी का धंधा चलाता था। उसके निशाने पर बल्लभ नगर झु्ग्गी बस्ती के गरीब लोग थे। वह इसी बस्ती के लोगों को उधार देता था। एसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने बताया कि अभी तक उसके पास जो दस्तावेज मिले हैं ऐसे लग रहा कि 25 से 30 लोगों को वह वसूली के लिए डरा-धमका रहा था।

कार्रवाई के लिए पुलिस सरकार को लिखेगी पत्र
एसीपी अभिनव ने बताया कि आरोपी शातिर प्रवृत्ति का है। वह गरीबों को जाल में फंसाने के लिए उनसे पहले मददगार बनकर सामने आता है। जैसे ही उसके पास कर्ज लेने वाले के चेक, दस्तावेज हाथ लगते हैं वह मनमानी वसूली करने लगता है। एसीपी ने बताया कि विभागीय कार्रवाई के लिए पुलिस संबंधित विभाग को पत्र लिख रही है। जिससे कि कानूनी कार्रवाई के साथ उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी हो सके।

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