Chhattisgarh

सर्वमंगला मंदिर में ट्रस्ट गठन की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में

कोरबा, 03 सितंबर । कोरबा जिले में स्थित ऐतिहासिक और प्राचीन सर्वमंगला मंदिर के लिए चेरिटेबल ट्रस्ट गठन की प्रक्रिया 15 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। वर्ष 2009 में प्रशासनिक कार्रवाई शुरू हुई थी और 23 सितंबर 2009 को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में प्रकाशन कराया गया था। इसके बाद मंदिर परिसर में स्थित चल-अचल संपत्तियों का आंकलन करीब 50 लाख रुपये किया गया था, लेकिन उसके बाद आगे की प्रक्रिया अटकी हुई है।

ट्रस्ट गठन की मांग

जनप्रतिनिधियों और भाजपा नेताओं ने कई बार सर्वमंगला मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने की मांग राज्य सरकार से की है। 8 साल पहले तब के भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष योगेश जैन समेत पार्षदों ने एकजुटता के साथ सर्वमंगला देवी मंदिर का ट्रस्ट बनाकर संचालन करने की मांग की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नाम ज्ञापन भी दिया गया था, लेकिन अब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है।

जनसुविधा के लिए ट्रस्ट का गठन जरूरी

चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष योगेश जैन के मुताबिक सर्वमंगला मंदिर के संचालन के लिए ट्रस्ट गठन की मांग लंबे समय से की जा रही है। जनसुविधा के लिए ट्रस्ट का गठन जरूरी है। ट्रस्ट बनने से मंदिर परिसर समेत आसपास विकास कार्य हो सकेंगे। श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी। मंदिर में आने वाले चढ़ावे का हिसाब रहेगा, सामाजिक सरोकार के कार्य भी हो सकेंगे।

करोड़ों का चढ़ावा, फिर भी पर्याप्त जनसुविधा विकसित नहीं

सर्वमंगला मंदिर में नवरात्रि के अलावा पूरे सालभर भक्तों की आस्था बनी रहती है। आंकलन के अनुसार मंदिर में हर साल करोड़ों रुपये का चढ़ावा आता है। साथ ही स्वर्णाभूषण, चांदी के छत्र भी चढ़ावा में मिलते हैं। इसके बावजूद मंदिर परिसर और आसपास जनसुविधा के लिए पर्याप्त कार्य नहीं हुए हैं। मंदिर समिति द्वारा मंदिर परिसर व आसपास श्रद्धालुओं के बैठने-ठहरने समेत बच्चों के मनोरंजन के लिए कोई सुविधा नहीं है।

प्रशासन की पहल
3 साल पहले तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा ने सर्वमंगला मंदिर के लिए ट्रस्ट गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे, लेकिन स्थिति जस की तस है। ट्रस्ट गठन की प्रक्रिया ठंडे बस्ते से बाहर नहीं आई है ।

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