सरकार के भरोसे नपा: 18 सड़कें खराब,नपा पर 5 करोड़ का कर्ज इसलिए सरकार से मांगे 1.85 करोड़ रुपए

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रायसेन2 घंटे पहले

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हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी - Dainik Bhaskar

हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी

शहर में नगरपालिका के अधीन आने वाली 18 से अधिक सड़कों की स्थिति इतनी खराब है कि पैदल चल पाना भी शहरवासियों के लिए मुश्किल हो रहा है। पिछले 30 महीने में न तो शहर में कोई निर्माण कार्य हो पाए और न ही सड़कों की मरम्मत। शहर की 18 सड़कें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। इनमें ताजपुर, हाउसिंग बोर्ड, नरापुरा श्मशान घाट रोड,शिवोम नगर, श्रीजी कॉलोनी, मुखर्जी नगर, राहुल नगर की सड़कें शामिल हैं ।

नगरपालिका सरकार से 1.85 करोड़ रुपए की मांग करके 9 महीने से इंतजार में है, लेकिन न राशि मिली और न ही सड़क मरम्मत का काम शुरू हो पाया। इसके चलते शहर के 25 हजार से अधिक आबादी को परेशान होना पड़ रहा है। नगरपालिका को चुंगी क्षति राशि के रूप में 45 लाख रुपए मिलते हैं, इसमें से 10 लाख रुपए कम यानि की 35 लाख रुपए मिले। इसके अलावा दो महीने में मूलभूत के 22 लाख रुपए राज्य वित्त आयोग से दो महीनों में 12.5 लाख रुपए, समेकित अनुदान 12 लाख रुपए और 10 लाख रुपए सड़क मरम्मत के नाम पर मिलता है। इस तरह से करीब 80 से 90 लाख रुपए की राशि नगरपालिका को दो महीने में मिलती है, जबकि खर्च कहीं अधिक है ।

9 महीने से सड़क मरम्मत के लिए नपा मांग रही राशि
1. 17 जनवरी को पत्र लिखकर 1.85 करोड़ की मांग रखी
शहर की नगरपालिका ने 9 महीने पहले 17 जनवरी को नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र लिखा। इस पत्र के माध्मय से 1.85 करोड़ रुपए की राशि की मांग सड़क निर्माण और मरम्मत के लिए की, लेकिन नगर पालिका को कोई राशि नहीं मिली। इस कारण नगरपालिका द्वारा सड़कों की मरम्मत न हो पाने की बात कही जा रही है।

2. 23 अगस्त को पत्र लिखकर 1.15 करोड़ रुपए की मांग रखी
नगरीय प्रशासन द्वारा पत्र लिखकर नगरपालिका से खराब सड़कों की जानकारी के साथ ही मरम्मत के लिए आवश्यक राशि की जानकारी मांगी। इसके जवाब में नगरपालिका द्वारा 23 अगस्त को पत्र लिखकर शहर के अंदर 2.5 किमी लंबाई वाली सड़कों को बारिश से नुकसान होने की जानकारी के साथ मरम्मत के लिए 1 करोड़ 15 लाख रुपए की मांग की।

नगरपालिका के चार बड़े खर्च, वसूली होती नहीं

वेतन: हर महीने 55 लाख रुपए खर्च
नपा में नियममित, अस्थाई और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संख्या 200 से भी अधिक है। इनके वेतन पर हर महीने 55 लाख रुपए की राशि खर्च होती है। चुंगी क्षति के रूप में मिलने वाली राशि 45 लाख की राशि इस मद में खर्च की जाती है। इनके अलावा 44 कर्मचारी मस्टर पर रखे हुए हैं। इन्हें नगरपालिका 5 महीने से वेतन नहीं दे पाई है।

बिजली का बिल: 2 करोड़ रुपए बकाया
शहर में हलाली डेम से पानी सप्लाई किया जाता है । इस पूरी प्रक्रिया में बिजली का काफी खर्च आता है । हलाली डेम पर लगी मोटरें, फिल्टर प्लांट और शहर के 18 ट्यूबवेल को मिलाकर 16 लाख रुपए प्रतिमाह बिजली का बिल आता है। नगरपालिका की माली हालत खराब होने से बिजली बिल की ही करीब 2 करोड़ रुपए की राशि बकाया है ।

भुगतान: 2.5 करोड़ से अधिक बकाया
नगरपालिका द्वारा बड़े ठेकेदारों का भुगतान तो दूर की बात है। छोटे-छोटे निर्माण कार्यों को लेकर ही ठेकेदारों के 50 से 60 लाख रुपए की राशि बकाया है। वहीं बड़े निर्माण कार्यों को मिला लिया जाए तो बकाया राशि का आंकड़ा 2.5 करोड़ रुपए पर पहुंचता है, लेकिन नपा के पास आय की कमी होने के कारण ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जा रहा है।

डीजल: 16 लाख रुपए बकाया
शहर में कचरा उठाने वाले वाहनों से लेकर, ट्रैक्टर- ट्राली, जेसीबी, पानी के टैंकर और फायर ब्रिगेड सहित दूसरे वाहनों में लगने वाले डीजल पर भी बड़ी राशि खर्च की जाती है, लेकिन पंप संचालकों को राशि का भुगतान समय पर नहीं हो पाता । पहले बकाया ज्यादा होने से डीजल भी नहीं मिल पाता था । अब फिर 16 लाख से अधिक बकाया है ।

आय के साधन कम : जल कर, सपत्ति कर, किराए का 2.5 करोड़ बकाया
शहर की नगरपालिका के पास आय के तीन ही साधन है। इनमें जल कर, संपत्ति कर और दुकानों का किराया शामिल है। इनकी ही पूरी वसूली न हो पाने के कारण नगरपालिका को आर्थिक कठिनाई आ रही है। दुकानदारों पर करीब 6 लाख रुपए का किराया बकाया है। संपत्ति और जल कर की करीब 2 से 2.5 करोड़ रुपए की राशि शहर के लोगों पर बकाया है।

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