समलैंगिक सेक्स से स्टूडेंट्स को HIV-एड्स: 7 महीने में 60 पॉजिटिव; इनसे एक ही भूल हुई

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देवेंद्र मीणा (इंदौर)10 मिनट पहले

पढ़ाई के लिए शहरों का रुख करने वाले कई स्टूडेंट गलत आदतों में पड़कर HIV-एड्स की चपेट में आ गए। कोई नशे में गलती कर बैठा तो किसी को लग्जरी लाइफ जीने की हसरत ने समलैंगिक बना दिया।

केस 1…
20 साल का लड़का पढ़ाई के सिलसिले में खंडवा से इंदौर आया। शुरुआत में अकेला रहता था। फिर कॉलेज में दोस्तों के संपर्क में आया। वो एक दोस्त के साथ रूम पार्टनर बन गया। दोनों साथ-साथ घूमते-फिरते। दोस्ती गहरी होती चली गई। दोनों नशा भी करने लगे। नशे में उसने दोस्त ने शारीरिक संबंध बना लिए। कुछ समय के बाद उसे तकलीफ हुई। जांच के बाद पता चला कि वह HIV पॉजिटिव हो चुका है।

केस 2…
22 साल का स्टूडेंट इंदौर में MBA करने आया। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कॉलेज में दोस्तों का रहन-सहन देखकर उसने प्रभावित हुआ। वह भी वैसी लाइफ स्टाइल जीना चाहता था, जो कि उसके लिए संभव नहीं थी। फिर एक अनजान व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद उसकी लाइफ स्टाइल बदल गई। कुछ समय के बाद सामान्य जांच के तहत प्रोटोकॉल के रूप में होने वाली HIV जांच करवाई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

ये दो मामले महज उदाहरण है। दैनिक भास्कर ने पिछले 7 महीने में HIV पॉजिटिव आए कुल 600 मामलों की पड़ताल की। इनमें करीब 10 फीसदी केस युवाओं से जुड़े पाए गए हैं। ये बाहर से पढ़ाई के लिए शहर में आए और एक गलती कर एचआईवी जैसी बीमारी की चपेट में आ गए। ये आंकड़े पेरेंट्स को भी अलर्ट करने वाले हैं।

करीब 60 युवा HIV पॉजिटिव
इंदौर के एमवाय अस्पताल परिसर की नई ओपीडी बिल्डिंग में पहली मंजिल पर स्थित एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट) प्लस सेंटर। यहां से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल 2022 से लेकर 28 अक्टूबर तक यानी करीब 7 महीने में 60 युवाओं की रिपोर्ट HIV पॉजिटिव मिली है। काउंसिलिंग में पता चला कि ये सभी समलैंगिक हैं। इनमें अधिकांश स्टूडेंट हैं।

पॉजिटिव आए स्टेडेंट्स की उम्र 18 से 25 साल के बीच है। वे या तो दूसरे शहरों और गांवों से पढ़ने या नौकरी करने इंदौर आए या फिर पहले से यहां रह रहे हैं। अब तय नियमों के तहत सभी का इलाज किया जा रहा है। इन सभी की एमवाय हॉस्पिटल स्थित एआरटी सेंटर में इलाज के साथ काउंसिलिंग भी की जा रही है। काउंसलर इन्हें समझा रहे हैं कि ऐसी गलती दोबारा न करें।

इसलिए युवाओं से हो गई गलती

ऐसे मामले सामने आने के बाद जिम्मेदार भी आश्चर्य में हैं। एआरटी सेंटर के अफसर बताते हैं कि कुछ युवाओं से तो गलती हो गई, तो कुछ नशे के कारण भूल कर बैठे। जैसे- साथियों के दबाव में या अन्य कारणों से युवा पहली बार नशे का सेवन कर लेते हैं। वहीं, कुछ शहर की चकाचौंध में भटक गए। कुछ लोग अधिक खर्च के लिए रुपयों की आवश्यकता, तो कुछ ने अच्छी लाइफ स्टाइल के लालच में अनजाने में बीमारी को गले लगा लिया।

हो सकते हैं एक से अधिक पार्टनर
संक्रमित युवाओं की एआरटी सेंटर में काउंसिलिंग और इलाज किया जा रहा है। इस दौरान जानने की कोशिश की जा रही है कि उन्होंने किसके साथ संबंध बनाए हैं। एक से अधिक पार्टनर तो नहीं हैं। टीम अब इसका भी पता लगा रही है, ताकि उनकी खोज कर प्रॉपर इलाज मिल सके। नहीं तो वे दूसरे लोगों को वायरस सर्कुलेट करेंगे। उन्हें बीमारी के बारे में पता भी है या नहीं।

HIV पॉजिटिव होने के बाद औसत उम्र
डॉ. अशोक ठाकुर कहते हैं कि वर्तमान में सामान्य व्यक्ति की औसत उम्र 67.7 साल है। वहीं, HIV पॉजिटिव की औसत उम्र 60 साल है। दवाओं से संक्रमण पर नियंत्रण हासिल किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मरीज को नि:शुल्क उपचार उपलब्ध है। सामान्य लोगों की तरह ही HIV पॉजिटिव भी जीवन जी सकता है। हां, उम्र के साथ उसकी इम्युनिटी में कमी आती है।

समलैंगिक में ट्रांसमिशन का रिस्क ज्यादा
डॉ. ठाकुर की मानें तो HIV अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने से होता है। यानी असुरक्षित यौन संबंध। जो समलैंगिक संबंध होता है, इसमें ट्रांसमिशन की रिस्क महिला और पुरुष के संबंध से ज्यादा होती है। युवाओं में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, तो जागरुकता जरूरी है, ताकि युवा इस चीज से बचें।

लाडले को पढ़ने भेज रहे हैं, तो पूरी जानकारी रखें
एक्सपर्ट्स के मुताबिक यदि आप अपने बेटा या बेटी बाहर पढ़ने भेज रहे हैं। वह हॉस्टल में रह रहा है, तो उसके दोस्तों के बारे में अच्छे से पता कर लें। उसे समझाइश भी दें, जिससे भविष्य में होने वाले नुकसान से बच सके, क्योंकि यदि एक बार कोई युवा HIV पॉजिटिव हो गया, तो वह फिर मौजूदा इलाज की स्थिति में जीवनभर पॉजिटिव रहता है। उसे निगेटिव घोषित नहीं किया जा सकता।

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