सतना में दहेज लोभियों को सजा: दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे, महिला ने तोड़ा दम, अदालत ने पति को सुनाई 7 साल की जेल

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सतनाएक घंटा पहले
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दहेज प्रताड़ना के एक मामले में सतना के नागौद के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश आनंद प्रिया राहुल ने दहेज लोभी पति को अलग अलग धाराओं में 7 वर्ष के सश्रम कारावास और 16 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश नागौद आनंद प्रिया राहुल ने दहेज प्रताड़ना से हुई सीमा दहायत की मौत के मामले में मृतिका के पति अनिल उर्फ ज्ञानेंद्र दहायत 34 वर्ष निवासी उरदान थाना नागौद को आईपीसी की धारा 498A में 2 वर्ष कैद तथा 1 हजार रुपए जुर्माना,धारा 304 B में 7 वर्ष कैद तथा 10 हजार रुपए जुर्माना एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत 5 वर्ष सश्रम कारावास तथा 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में राज्य शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विनोद प्रताप सिंह ने की।

सहायक अभियोजन प्रवक्ता ने बताया कि सीमा दहायत का विवाह 17 अप्रैल 2008 को अनिल उर्फ ज्ञानेंद्र दहायत के साथ हुआ था। शादी के बाद से ही उसका पति अनिल दहायत,ससुर लक्ष्मण दहायत तथा सास निशा दहायत सीमा से दहेज की मांग करने लगे थे। वे उसे शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे, मारपीट करते थे। वे उससे अपने मायके वालों से मोटर साइकिल, टेलीविजन सेट, सोने की चेन और 50 हजार रुपए मंगा कर देने की मांग करते थे। इसी प्रताड़ना के बीच 27 अक्टूबर 2013 की सुबह आग से जलकर असामान्य परिस्थितियों में सीमा की संदिग्ध मौत हो गई थी।
मायके पक्ष ने मृतिका के पति, सास, ससुर पर दहेज प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए उसकी मौत के लिए उनके दहेज लोभ को जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की और दहेज प्रताड़ना के आरोप में विवेचना पूर्ण कर प्रकरण अदालत में विचरण के लिए प्रस्तुत किया। अदालत ने मामले में अनिल उर्फ ज्ञानेंद्र दहायत को दोषी पाते हुए सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियुक्त की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
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