संघ संचालक डाक्टर मोहन भागवत प्रबुद्ध जन संगोष्ठी में हुए: भाषा पूजा पद्धति के आधार पर समाज नहीं बनता समान उद्देश पर चलने वाले करते हैं समाज का निर्माण: भागवत

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जबलपुर4 घंटे पहले
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत आज जबलपुर के मानस भवन में संगोष्ठी कार्यक्रम में शामिल हुए जहां वे शहर के प्रबुद्ध जनों से चर्चा की। डॉ मोहन भागवत ने राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में समाज की भूमिका पर व्याख्यान भी दिया। बताया जा रहा है कि इस आयोजन के लिए संघ का लंबे समय से प्रबुद्ध जनों सहित समाज के हर वर्ग से संपर्क भी चल रहा था।
व्याख्यान में अलग-अलग श्रेणी के लोगों को बुलाया गया है इसमें उद्योगपति, व्यवसाई, सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविद, गैर सरकारी संगठन, समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोग, जागरूकता सहित समाज के विभिन्न क्षेत्र में कार्य कर रही महिलाओं के समूह को शामिल किया गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत प्रबुद्धजन गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा, पूजा पद्धति के आधार पर समाज नहीं बनता. समान उद्देश्य पर चलने वाले,एक समाज का निर्माण करते हैं. भारत का दर्शन ऐसा है कि किसी ने कितना कमाया इसकी प्रतिष्ठा नहीं है, कितना बाँटा इसकी प्रतिष्ठा रही है। अपने मोक्ष और जगत के कल्याण के लिए जीना ये अपने समाज का जीवन दर्शन रहा है। इसी दर्शन के आधार पर अपना राष्ट्र बना है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इस तत्व दर्शन के आधार पर जीते हुए ज्ञान- विज्ञान- शक्ति -समृद्धि की वृद्धि करने का रास्ता अपने ऋषियों ने दिखाया है. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की बात , अर्थात सब प्रकार के संतुलन की बात हमारी संस्कृति है. सबको अपनाने वाला दर्शन ही हिंदुत्व है. संविधान की प्रस्तावना भी हिंदुत्व की ही मूल भावना है।
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