संक्रमण का खतरा: बी-ब्लॉक में 10 बेड के कमरे को बनाया मदर वार्ड, 28 प्रसूताओं के पास-पास लगाए पलंग

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खंडवा20 मिनट पहले
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जिले में कोरोना संक्रमण अभी भी बरकरार है। ऐसे में मरीजों एवं उनके परिजन के लिए दो गज दूरी का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। मदर वार्ड में प्रसूताओं के पलंग एक दूसरे से सटाकर लगाए गए हैं। मेडिकल कॉलेज सह-जिला अस्पताल प्रबंधन की अनदेखी शनिवार देखने को मिली। यहां बी-ब्लॉक में एसएनसीयू को शिफ्ट किया गया। यूनिट में भर्ती बच्चों के साथ उनकी माताओं को बी-ब्लॉक में लाया गया। यहां पर 10 बेड की क्षमता वाले कमरे में 28 बेड लगाकर मदर वार्ड बना दिया गया। इस कारण कमरे में चलने की जगह तक नहीं बची। एक साथ दो लोग कमरे से नहीं निकल पा रहे हैं।
बच्चों के इलाज के लिए भर्ती प्रसूताओं ने कहा हम अपना समय काट रहे हैं। इसके अतिरिक्त कोई जगह नहीं है। एसएनसीयू में 15 और लेडी बटलर के पुराने विंग में 9 नवजात इलाज के लिए भर्ती है। इधर, लेडी बटलर के पुराने विंग से लगाए मदर वार्ड के बेड जगह नहीं होने से खुले में पड़े रहे। लेडी बटलर हॉस्पिटल से एसएनसीयू को बी-ब्लॉक में शिफ्ट करने के बाद सिविल सर्जन डॉ.ओपी जुगतावत ने जब कमरे में एक साथ अधिक पलंग देखे तो यूनिट के प्रभारी डॉ.कृष्णा वॉस्केल के साथ अन्य कमरों में जगह देखने पहुंचे। डॉ.जुगतावत ने मौके पर डॉ.वॉस्केल से कहा कि मदर वार्ड के लिए अन्य फ्लोर पर जगह तलाश कर उन्हें शिफ्ट करें।
पानी नहीं : लेडी बटलर के नए मेटरनिटी विंग में पीने के लिए पानी का नहीं है इंतजाम, घर से ला रहे
इधर, बी-ब्लॉक के मेटरनिटी विंग में प्रसूताओं और परिजन के पीने के लिए पानी का इंतजाम नहीं है। दो दिन से मरीज के परिजन पीने का पानी घर और दुकान से खरीदकर ला रहे हैं। बी-ब्लॉक के किसी भी फ्लोर पेयजल के लिए कहीं भी वॉटर कूलर नहीं है। वहीं बी-ब्लॉक में लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर तथा ए-ब्लॉक में वार्ड होने से स्टाफ परेशान हाे रहा है। मरीजों को डिलेवरी के बाद वार्ड में छोड़ने जाने वाले स्टाफ ने कहा बहुत ही लंबी दूरी तक चलना पड़ रहा है। लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर के पास ही वार्ड भी बनाया जाना चाहिए था।
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