श्योपुर में आफत की बरसात: 12 घंटे से रुक रुक कर हो रही बारिश, फसलों को नुकसान होने से किसानों की मेहनत पर फिरा पानी

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श्योपुर25 मिनट पहले
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शुक्रवार की दोपहर 3 बजे से रुक-रुक कर हो रही रिमझिम और झमाझम बारिश की वजह से जिले भर के नदी नालों का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। इसके साथ ही खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान होने से किसानों की मेहनत पर भी पानी फिरने लगा है। इसे लेकर जिले भर के किसान खासे चिंतित हैं।
बंजारा डैम ओवरफ्लो
बारिश की वजह से बंजारा डैम ओवरफ्लो हो गया है। किसानों के खेतों में खड़ी धान की फसल इस बारिश की वजह से खेतों में ही लेट गई है। बड़ौदा, प्रेमसर, जलालपुरा, ढोंटी सहित इन इलाकों के किसानों के खेतों में सबसे ज्यादा नुकसान बताया गया है।
गौरतलब है कि बारिश के सीजन में आई बाढ़ की वजह से जिले के किसान भारी नुकसान झेल चुके हैं। किसानों को धान की फसल पर उम्मीद थी, लेकिन अक्टूबर के महीने में हो रही बिन मौसम बारिश की वजह से अब उनकी धान की फसल भी बर्बाद होने लगी है।
खेतों का सर्वे करने की मांग
बारिश का सिलसिला सुबह 8 बजे थम गया है, लेकिन आसमान पर घने बादल छाए हुए हैं, कभी भी बूंदाबांदी होने लग जाती है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बारिश का अलर्ट भी जारी किया है। इसे देखते हुए अगर और भी ज्यादा बारिश होती है तो किसानों की धान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। इसे लेकर किसानों ने मांग की है कि प्रशासन फसलों के नुकसान का तत्काल सर्वे कराए और उचित मुआवजा दे।
रबी की फसलों की बुआई में हो रही देरी
धान को छोड़कर खरीफ के सीजन की ज्यादातर फसलें अक्टूबर महीने की शुरुआत होते-होते खेतों से काट ली जाती हैं। खरीफ की फसलों की कटाई के तुरंत बाद रबी की फसलों की बुवाई होना शुरू हो जाती है। इस सीजन में हो रही बारिश की वजह से किसानों के खेतों में पानी भर गया है। इन हालातों में वह किसान सरसों आदि फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं।
कई किसानों ने 4 से 6 दिन पहले सरसों आज की बुआई कर दी थी, उन्हें अब फिर से खेतों की जुताई और बुआई करनी पड़ेगी। इन हालातों में किसानों को हजारों रुपए बीघा के हिसाब से अतिरिक्त खर्चा करना पड़ेगा। जिले के बगवाड़ा गांव निवासी किसान बनवारी लाल मीणा, मुकुट मीणा का कहना है कि इस बारिश की वजह से खेतों में खड़ी धान खेतों में ही लेट गई है। इससे फसलों को 90% नुकसान हुआ है। अगर बारिश नहीं थमी तो किसान बर्बाद हो जाएंगे, क्योंकि कुछ महीने पहले बाढ़ के हालातों से भी किसान भारी नुकसान झेल चुके है।

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