शिवपुरी में महिलाओं ने दिया उगते सूर्य को अर्घ्य: मंदिर के पास बनाया था एक कृत्रिम तालाब, शहर में पहली बार हुआ था आयोजन

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शिवपुरी27 मिनट पहले

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शिवपुरी शहर में आज छठ पूजा के आखिरी दिन शहर के हाथी खाना क्षेत्र में भैरो बाबा मंदिर के पास बनाए गए कृत्रिम तालाब में उगते सूरज को अर्घ देकर छठ पूजा का समापन हुआ। उत्तर भारत की संस्कृति से जुड़ी महिलाएं देशभर में सुहाग और अपने बच्चों की दीर्घ आयु के लिए छठ पूजा करती हैं। शिवपुरी में पहली बार छट पूजा का आयोजन शहर के हाथी खाना क्षेत्र के ठाकुर बाबा मंदिर के पास हुआ था।

छट पूजा के लिए महिलाएं ज्यादातर नदी, तालाब किनारे करती हैं। शिवपुरी में ठाकुर बाबा मंदिर के पास रहने वाली महिलाओं ने मंदिर के पास एक कृत्रिम तालाब बनाया था। इसी कुंड में आज सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ देकर पूजा की गई।

रविवार को भी जारी रहा व्रत
राजेंद्र पांडे ने बताया कि यह पूजा तीन दिन लगातार जारी रहती है। इस पूजा का पहला दिन शुक्रवार को था, जिसे नहा-खा कहा जाता है। इस दिन महिलाओं ने सुबह नहा धोकर छठी माता की पूजा की। दोपहर बाद सिर्फ एक टाइम खाना खाकर व्रत शुरू किया। इसके बाद दूसरे दिन शनिवार को भी पूजा करने के बाद शाम के समय महिलाओं ने पसाई धान की खीर और गेहूं की रोटी खाकर निर्जला व्रत शुरू किया। यह व्रत रविवार को भी जारी रहा।

शिवपुरी में पहली बार हुई थी छट पूजा की शुरुआत
रविवार की शाम महिलाएं अपने घरों से नहा धोकर ठाकुर बाबा मंदिर के पास बनाए गए कृत्रिम तालाब पर पहुंचीं। यहां महिलाओं ने ढलते हुए सूर्य को अर्घ दिया। इसके बाद महिलाएं वापस अपने घर चली गईं। घरों पर रात भर छठी माता के नाम का दीपक जलाकर पूजा की गई। आज सोमवार की सुबह चार बजे महिलाएं नहा धोकर एक बार फिर कृत्रिम तालाब पर पहुंचीं और उगते हुए सूर्य को अर्घ दिया और पूजा करने के बाद अपना व्रत खोला। राजेंद्र पांडे के अनुसार छट पूजा का आयोजन शिवपुरी में पहली बार किया जा रहा है। पूजा के दौरान राजेंद्र पांडे, अशोक शर्मा, सत्यनारायण पाठक, सुरेश पाठक, नरेंद पांडे, संजीव पांडे, वीरेंद्र शर्मा, सुमित तिवारी, राजीव पांडे, सुरेंद्र शर्मा सहित तमाम महिलाएं मौजूद रहीं।

शिवपुरी में बड़ी संख्या में उत्तर भारत के निवासी
शिवपुरी में उत्तर भारतीय लोग भी बड़ी संख्या रहते हैं। आयोजकों ने कहा कि अगले साल वह प्रयास करेंगे कि इस महापर्व का आयोजन और बड़े स्तर पर किया जाए। सुमित तिवारी ने बताया कि छठ पूजा तो महिलाएं हर बार करती थीं, लेकिन अभी तक कभी भी पूजा का आयोजन शिवपुरी में नहीं हुआ। सुमित के अनुसार पिछले कई वर्षों से वह देखते आ रहे हैं कि महिलाएं छठ पूजा करने के लिए बिहार जाती थीं। वहीं पर पूरी पूजा हाेती थी। शिवपुरी में सामूहिक रूप से पहली बार पूजा का आयोजन हुआ है।

उनके अनुसार हो सकता है कि कुछ महिलाएं अपने घर पर ही अकेले-अकेले पूजा कर लेती हों। कॉलोनी में रहने वाली अन्य महिलाएं भी इस पूजा में शामिल हुईं। उन्होंने 36 घंटे तक तक चलने वाले इस निर्जला व्रत की रिति रिवाज को समझने का प्रयास किया। जब उत्तर भारतीय महिलाएं इस पूजा के अंतिम पड़ाव पूरा करते हुए उगते हुए सूर्य को अर्घ दे रही थीं, तब करीब 50 से 60 कॉलोनी की अन्य महिलाएं भी वहां मौजूद रहीं। उन्होंने उत्तर भारत के इस महापर्व को जानने और समझने का प्रयास किया।

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