शिल्पा के हत्यारे को नासिक में कहते है ‘चोर बुलेटराजा’: बुलेट चोरी के कई मामले है दर्ज, महाराष्ट्र के अलावा पुणे और कर्नाटक में भी की थी चोरी

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जबलपुर15 मिनट पहले
जबलपुर के मेखला रिसॉर्ट में बेवफाई का हवाला देते हुए अपनी प्रेमिका शिल्पा झरिया की हत्या करने वाला अभिजीत पाटीदार उर्फ हेमंत सिर्फ हत्यारा ही नही बल्कि शातिर चोर और ठग भी है। इसके कारनामे महाराष्ट्र, पुणे और कर्नाटक में भी सामने आए है। एक अच्छॆ परिवार में पलने वाला हेमंत कब चोर और ठग बन गया यह उसके परिवार वालों को भी पता नही चल पाया। अभिजीत उर्फ हेमंत मूलतः महाराष्ट्र नासिक का रहने वाला है जिसने एम.सी.ए किया हुआ है। पिता एमआईडीसी में गार्डन मेन्टेन का काम किया करते थे, जिनका कुछ साल पहले देहांत हों गया। हेमंत के पिता ने दो शादी की थी पहली पत्नी शासकीय विभाग में क्लर्क के पद पर पदस्थ है जबकि उनकी दूसरी पत्नी भी नासिक में रहा करती है।
नासिक के डॉन वास्को स्कूल में क्लास 1 से 5 तक पढ़ने के बाद क्लास 6 से 12 तक हेमंत ने निवलि कान्वेंट स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद के.टी.एच.एम कालेज़ से हेमंत ने बीबीए किया बाद में बी.के.सी कालेज़ से एक साल एमसीए करने के बाद पढ़ाई अधूरी छोड़कर साइबर कैफे में केयरटेकर का काम करने लगा जहां उसे महीने में 20 से 25 हजार रुपए मिलने लगे। इसी बीच अभिजीत उर्फ हेमंत को शेयर बाजार का चस्का इस कदर लगा कि उसने रुपए इनवेस्टमेंट करना शुरू कर दिया जहां उसे काफ़ी नुकसान भी उठाना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक शेयर बाजार में नुकसान और साइबर कैफे की नौकरी गंवाने के बाद हेमंत ने पहली बार अपने दोस्त के साथ मिलकर मोटरसाइकिल की फ़र्जी आर.सी बनाकर बेचा था। इसके बाद से यह आदतन शातिर बाइक चोर बन गया। नासिक जिले के कई थानों में इसके खिलाफ 40 से अधिक चोरी के मामले दर्ज हुए। हेमंत के निशाने में अधिकतर बुलेट रहती थी जिसे वह मास्टर चाबी की मदद से चुराया करता था। बुलेट चोरी करते-करते महाराष्ट्र में इसका नाम बुलेटराजा तक पड़ गया। हेमंत ने महाराष्ट्र के अलावा पुणे और कर्नाटक में भी चोरी की थी।
बताया जाता है कि नासिक पुलिस की सख्ती को देखतें हुए जेल से बाहर आने के बाद 20 अगस्त 2019 को अभिजीत उर्फ हेमंत ने नासिक छोड़ दिया, इसके बाद वह कभी कर्नाटक तो कभी पुणे में जाकर चोरी करने लगा। जबलपुर पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि करीब 1 साल तक वह बिहार में भी रहा है। अभिजीत उर्फ हेमंत ने बाइक चोरी करके करीब 10 से 12 लाख रुपए कमाए थे, जिसे उसने शेयर बाजार में लगाए जहां उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा।
करीब 6 माह पहले अभिजीत पाटीदार उर्फ हेमंत जबलपुर आया जहां उसने ऑनलाइन नेट पर सर्च किया कि कौन सा व्यवसाय किया जाए जिसमें कि नुकसान तो उठाना पड़े लेकिन अच्छी खासी रकम भी कमाई जा सके। आखिरकार उसने महंगे में तेल और शक्कर खरीद कर सस्ते में बेचने का रास्ता अख्तियार किया। आरोपी ने फर्जी आईडी के आधार पर चेरीताल में राजेंद्र प्रसाद नरवरिया की दुकान किराए से ली। इस दौरान वह ओमती स्थित अनमोल होटल में किराए से रहा करता था।
आरोपी हेमंत ने जबलपुर के गलगला में स्थित थोक गल्ला व्यापारी मनीष चिमनानी से तेल और शक्कर खरीदने के लिए संपर्क किया। आरोपी हेमंत 14 अगस्त 2022 को मनीष की दुकान पहुंचा जहां उसने 80 हजार रुपए नगद देकर तेल और शक्कर खरीदा और फिर उसे कम दाम में बेच भी दिया, इसके बाद वह रोजाना मनीष से तेल और शक्कर खरीदा करता था। हेमंत मनीष की थोक गल्ला दुकान से कभी एक लाख, तो कभी डेढ़ लाख , तो कभी दो लाख रुपए का नगद में माल लिया करता था। 24 अगस्त को भी अभिजीत उर्फ हेमंत ने मनीष से साढ़े 8 लाख रुपए का माल लिया और यह कहा कि मेरी दुकान चेरीताल में पटेल आयल स्टोर के नाम से थोड़ी देर में चेक भिजवा देता हूं ,मनीष हेमंत की बातों में आ गया और उससे बिना रुपए लिए ही माल दे दिया। करीब दो घंटे बाद भी जब हेमंत चेक लेकर नही आया तो मनीष ने उसके मोबाइल में काल किया पर उसका फोन बंद जा रहा था। बाद में मनीष ने अपने साथ हुई साढ़े आठ लाख रुपए की ठगी की शिकायत कोतवाली थाना पुलिस में की। मनीष से साढ़े 8 लाख रुपए के लिए माल को हेमंत ने कम दाम में एक व्यापारी को बेच भी दिया था।
आरोपी अभिजीत पाटीदार उर्फ हेमंत इतना शातिर था कि जब भी वह कोई शिकार को तलाश करता था तो उससे पहले अच्छी दोस्ती कर था। खुद को रईस दिखाते हुए वह व्यक्ति को बार और स्पा में ले जाता और उस पर रुपए भी खर्च करता, हेमंत लोगों से कैस का लेनदेन करता था। उसने यही दांव पटना में जितेंद्र कुमार के साथ भी चला था और उसके लाखों रुपए थे ऐंठ लिए थे । पूरा पैसा कैश का था इसलिए जितेंद्र ने पुलिस से शिकायत नहीं की थी।
आरोपी हेमंत पहली बार ट्रेन से जबलपुर आया था। मुख्य रेलवे स्टेशन से वह एक ई-रिक्शा में सवार हुआ। ई-रिक्शा चालक को बातों में फसाया और खुद को बड़ा व्यापारी बताते हुए उसे अपना मैनेजर बनने का ऑफर भी दिया। हेमंत ने उसे 30 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन देने की बात कही तो ई-रिक्शा चालक उसकी बातों में आ गया जिसके बाद हेमंत ने उसकी आई.डी पर सिम कार्ड खरीदा और फिर इसी आई.डी का उपयोग कर उसने चेरीताल में राजेंद्र प्रसाद की दुकान किराए पर ली और फिर गल्ला बाजार में मनीष चिमनानी से ठगी भी वारदात को अंजाम दिया।
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