आशा कार्यकर्ताओं ने निकाली हल्ला बोल रैली: कलेक्ट्रेट चौराहे पर 10 मिनट तक किया चक्काजाम, बोले- 6 दिनों से कोई मिलने नहीं आया​​​​​​​

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हरदा34 मिनट पहले

शनिवार को जिला मुख्यालय पर पिछले 6 दिनों से हड़ताल पर शामिल आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी छह सूत्रीय मांगो को लेकर हल्ला बोल प्रदर्शन किया। आशा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचने के पहले करीब 10 मिनट तक कलेक्ट्रेट चौराहे पर चक्काजाम कर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस के जवानों ने चक्काजाम कर रही महिलाओं को समझाइश देकर चक्काजाम खत्म कराया।प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देने पहुंची आशा कार्यकर्ताओं ने करीब आधे घंटे तक पुलिस की मौजूदगी में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

जिसके बाद सीएमएचओ डॉ. एचपी सिंह उनकी बातों को सुनने कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं की वीडियो कॉल से अधिकारियों से बात कराई। जिसके बाद उनकी हड़ताल खत्म हो गई। संगठन की जिलाध्यक्ष अनिता गौर का कहना है कि अनेकों कार्य के बदले इन्हें मात्र 2 हजार रुपए मिलते हैं, जो आज की महंगाई के दौर में अपर्याप्त हैं। हमसे 24 घंटे काम कराया जाता है, इसके बावजूद हमें सिर्फ दो हजार रुपए वेतन ही दिया जा रहा है। इतने कम वेतन से परिवार पालना संभव नहीं है।

500 से अधिक कार्यकर्ता विरोध पर बैठे

एएनसी से लेकर टीकाकरण तक स्वास्थ्य विभाग के पूरे काम कराए जाते हैं। आशा कार्यकर्ताओं को रीढ़ की हड्डी की उपमा दी जाती है। लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधियों ओर ना ही अधिकारियों ने हमारी मांगो को लेकर अब तक ध्यान नहीं दिया। खसरा मुक्त प्रदेश बनाने के लिए बाल दिवस के अवसर पर मीजल रूबेला अभियान शुरू किया। अभियान में उन बच्चों को टीका लगाया जा रहा है, जिन्हें टीका नहीं लग सका। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं ने सर्वे कर ऐसे बच्चों को चिन्हित किया है। लेकिन अब इन चिन्हित बच्चों को एएनएम की मदद से टीका लगाए जाने का काम आशा-उषा कार्यकर्ताओं की हड़ताल पर जाने से प्रभावित हो रहा है। वहीं, अधिकारियों द्वारा टीकाकरण के फर्जी आंकड़े भेजे जा रहे हैं। कार्यकारी जिलाध्यक्ष कौशल्या पाल का कहना है कि जिले की करीब 500 से अधिक आशा कार्यकर्ता बीते छह दिनों से हड़ताल पर बैठी है शुक्रवार को पूरी रात धरना स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठी रहीं। लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी बातों सुनने नहीं आया।

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