शहडोल न्यायालय ने सुनाई सजा: नाबालिग से दुष्कर्मी को 20 वर्ष की सजा, 3 साल 8 माह बाद पीड़िता को मिला न्याय

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शहडोल9 मिनट पहले
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शहडोल जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम निवासी एक आरोपी को शहडोल न्यायालय ने 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं नगद राशि के अर्थदंड से दंडित किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट) ने थाना सिंहपुर में दर्ज धारा 363, 366ए, 376(2)(एन), 376(3) भादवि 5/6 पॉक्सो एक्ट प्रकरण में सुनवाई करते हुए यह सजा आरोपी को सुनाई है।
आरोपी सूरज बैगा पिता रामखेलावन बैगा को दोषी पाते हुए धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष का कठोर कारावास और 500 रुपए अर्थदंड, धारा 376(2)(एन) सहित धारा 366 भादवि में 10-10 वर्ष का कारावास और 500, धारा 363 भादवि में 7 वर्ष कारावास और 500 रुपए अर्थदंड। इसके साथ ही धारा 5(एल) सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में विश्वजीत पटेल डीपीओ एवं सुषमा सिंह ठाकुर एडीपीओ ने सशक्त पैरवी की।
यह है पूरा मामला
संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) नवीन कुमार वर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक घटना 5 फरवरी 2019 की है। जब पीड़ित अपनी नानी के घर आकर रूकी थी। वह घर में अकेली थी, तभी सूरज अपने मोटर साइकल से शाम करीब 5 बजे घर पहुंचा और बोला तुम्हारे पिता जी की तबीयत खराब है, चलो घर बुलाया है। पीड़िता उसके साथ मोटरसाइकिल पर बैठ कर चली गई। तभी आरोपी गांव में गाड़ी न रोकते हुए शहडोल रेल्वे स्टेशन ले गया।
पीड़िता को बहला फुसलाकर ट्रेन में बैठाकर इंदौर ले गया। जहां कमरा लेकर 3 दिन तक उसे रखा, और कई बार दुष्कर्म करता रहा। सूरज पीड़िता को लेकर इंदौर से अपने घर 11 फरवरी 19 की रात करीबन 12 बजे आया। सुबह उसके माता-पिता और भाई तलाशते हुए सूरज के घर पहुंचे। तब पीड़िता ने पूरी घटना उन्हें बताई। जिसके बाद मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई थी।
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