गुना के निजी स्कूल से सरकारी जमीन मुक्त कराई: भारत माता की जय बोलने पर छात्र को दी थी सजा; पढ़िए पूरा मामला

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गुनाएक घंटा पहले
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स्कूल के बीच मे स्थित सरकारी जमीन पर बाउंड्री करा दी गयी है।
पिछले दिनों एक निजी स्कूल में भारत माता की जय बोलने पर छात्र को सजा दी गयी। नागरिकों और समाज सेवी संगठनों के प्रदर्शन के बाद दो शिक्षकों पर FIR की गई थी। इसी दौरान स्कूल द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला भी उठा। अब राजस्व विभाग ने सरकारी जमीन की नाप-जोख कर उस जमीन पर फेंसिंग कर दी है। हालांकि, यह जमीन स्कूल की निजी जमीन के बीच में है। ऐसे में प्रशासन उस जमीन का क्या उपयोग कर पायेगा, यह साफ नहीं हो पाया है।
पहले मामला जान लीजिए2 नवम्बर की शहर के एक निजी स्कूल में बच्चे को भारत माता की जय बोलने पर 3 पीरियड तक जमीन पर बिठाया गया। उसके परिवार वालों ने स्कूल पर यह आरोप लगाए थे। 3 नवम्बर को इस मामले को लेकर हंगामा हो गया। बच्चे के परिवार वालों सहित अन्य लोग स्कूल में ही धरने पर बैठ गए। लगभग 4 घंटे तक स्कूल में हंगामा चलता रहा। स्कूल प्रबंधन ने माफी भी मांग ली, लेकिन हंगामा नहीं थमा। परिवार वाले और सामाजिक संगठन स्कूल पर FIR की मांग के लिए अड़े रहे। इसके बाद कोतवाली में दो शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
बच्चे के पिता रोहित जैन के अनुसार उनका बेटा क्राइस्ट स्कूल में कक्षा 7 में पढ़ता है। 2 नवंबर को स्कूल में प्रेयर के बाद भारत माता की जय बोलने पर उसे शिक्षकों ने जमकर डांट लगाई। बच्चे को 4 पीरियड तक जमीन पर बिठाकर रखा गया। उसे डराया-धमकाया गया। यह बात बच्चे के दिल में इतनी असर कर गई कि घर पहुंच कर उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया। माता-पिता ने तुरंत बच्चे के हाव भाव देख उससे बात की तो बच्चे ने पूरी घटना बताई। मामले की जानकारी सामने आते ही तमान अविभावक और सामाजिक संगठन 3 नवंबर को स्कूल पहुंच गए। यहां जमकर हंगामा हुआ था। वे स्कूल में ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने नारेबाजी करते हुए वहीं पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। स्कूल प्रबंधन ने लिखित में घटना को लेकर माफी मांगी। उन्होंने शिक्षक पर भी कार्यवाई की बात कही। प्रदर्शन समाप्त होता, इससे पहले ही सामाजिक संगठन स्कूल पर FIR की मांग को लेकर अड़ गए। मौके पर SDM, CSP, तहसीलदार सहित प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच गए। उन्होंने मामला शांत करने के प्रयास किये।
पूर्व नपाध्यक्ष खसरा लेकर पहुंचे
मामले में नया मोड़ उस समय आया जब पूर्व विधायक और पूर्व नपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सलूजा कुछ दस्तावेज लेकर स्कूल पहुंच गए। उन्होंने बताया कि स्कूल ने अपने कैंपस के अंदर सरकारी जमीन पर कब्जा जमा रखा है। उन्होंने SDM से जमीन की नपाई कराकर सरकारी जमीन मुक्त कराने की मांग की। वह अपने साथ जमीन के खसरा खतौनी लेकर पहुंचे थे। वह भी अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद प्रशासन ने उस जमीन की नाप जोख कराई। इसमे स्कूल की जमीन के एकदम बीच मे सरकारी जमीन निकली।
क्यों जमा नहीं कराया संपत्ति कर?
ये घटना सामने आने के बाद स्कूल पर संपत्ति कर जमा न करने की बात भी उठी। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सलूजा ने भी इस बात को उठाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्कूल से संपत्ति कर जमा कराया जाए। हालांकि, वह खुद 2015 से 2020 तक नगरपालिका अध्यक्ष रहे। उस दौरान भी स्कूल पर संपत्ति कर बकाया था। इस अवधि में भी स्कूल से पैसा जमा नहीं कराया गया। वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष ने भी एक समिति बनाकर स्कूल के द्वारा जमा किये गए टैक्स और निर्माण अनुमति की जांच के लिए CMO को पत्र लिखा।
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