स्वतंत्रता संग्राम सेनानी-वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कैलाश बिहारी द्विवेदी का निधन: बुंदेली शब्दकोश पुस्तक के लिए मिला था ‘साहित्य श्री’ सम्मान, राजकीय सम्मान से होगी अंत्येष्टि

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टीकमगढ़एक घंटा पहले

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टीकमगढ़ जिले के वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, वरिष्ठ साहित्यकार और रिटायर्ड लेक्चरर डॉक्टर कैलाश बिहारी द्विवेदी का 93 वर्ष की आयु में शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे निधन हो गया। उनके निधन की खबर फैलते ही शहर में शोक की लहर है। परिजनों ने बताया कि दोपहर 2 बानपुर दरवाजा स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार होगा।

वरिष्ठ साहित्यकार हरि विष्णु अवस्थी ने बताया कि डॉ. कैलाश बिहारी द्विवेदी ने कई साहित्य का लेखन किया। जिसमें पहली पुस्तक बुंदेली एक भाषा वैज्ञानिक अध्ययन का लेखन किया। यह पुस्तक उन्होंने आजाद दुर्गा चरण शुक्ल के सहयोग से लिखी थी। इसके बाद उनकी बुंदेली शब्दकोश नामक पुस्तक काफी लोकप्रिय रही।

इसके अलावा उन्होंने बुंदेली कहावतें और मुहावरे और हिंदू-मुस्लिम एकता विषय पर भी किताब लिखी। मध्यप्रदेश लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ने बताया कि संघ ने 2009 में डॉ. कैलाश बिहारी द्विवेदी को साहित्य श्री सम्मान से नवाजा था। इसके अलावा प्रादेशिक इकाई भोपाल ने उन्हें कस्तूरी देवी लोक भाषा सम्मान 2011 से सम्मानित किया। उनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।

राजकीय सम्मान से होगी अंत्येष्टि

एसडीएम सीपी पटेल ने बताया कि शुक्रवार सुबह वरिष्ठ साहित्यकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. कैलाश बिहारी द्विवेदी के निधन की खबर प्राप्त हुई है। उनकी अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी। इस संबंध में तहसीलदार, कोतवाली थाना प्रभारी सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।

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