…और नाले में बहा दिए थे बॉडी पार्ट्स: चौकीदार से कहा घर का कुत्ता मर गया है, कांग्रेस नेत्री हत्याकांड की पूरी कहानी…

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Indore
  • Told The Watchman That The Dog Of The House Is Dead, The Whole Story Of The Congress Leader’s Murder

इंदौर7 मिनट पहले

बॉलीवुड एक्टर अजय देवगण अभिनीत फिल्म दृश्यम जैसी कहानी का इंदौर भी गवाह रहा है। लगभग 6 साल पहले हुए कांग्रेस नेत्री ट्विंकल डागरे हत्याकांड की कहानी काफी हद तक फिल्म दृश्यम से मिलती-जुलती है। इस मामले में सोमवार को मुख्य आरोपी जगदीश करोतिया की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी है।

यहां हम आपको रिकॉल करा रहे हैं डागरे हत्याकांड की पूरी कहानी…

ट्विंकल डागरे।

ट्विंकल डागरे।

घर से नाश्ता लेने निकली फिर कभी लौटी ही नहीं…
16 अक्टूबर 2016 को बाणगंगा के फ्रीगंज इलाके में रहने वाली ट्विंकल डागरे अपने घर से नाश्ता लेने निकली थी। इसके बाद वह फिर कभी अपने घर नही पहुंची। इसी दिन रात में परिवार के लोग थाने पहुंचे। ट्विंकल के बालिग होने के चलते पुलिस ने यह कहा कि 24 घंटे तक इस मामले में नजर रखते है। जिसके बाद ही गुमशुदगी दर्ज करेंगे। अगले दिन पुलिस ने मामले में गुमशुदगी का केस दर्ज किया। पुलिस ने ट्विंकल की कॉल डिटेल निकाली। जिसमें उसके मोबाइल की दो लोकेशन मिली। पहली संगम नगर और दूसरी मरीमाता। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। 22 अक्टूबर को पुलिस ने इस मामले में ट्विंकल के पिता संजय डागरे ओर मां रीटा डागरे को थाने बुलाया। उनसे बेटी को लेकर पूरे मामले में जानकारी ली। जिसमें दोनों ने बताया कि अमित नाम के लड़के से उसकी सगाई हो गई थी। वही एक दिन पहले ट्विंकल का जगदीश करोतिया के बेटे से भी विवाद होने की बात सामने आई थी। ट्विंकल इससे पहले दिनेश साहू पर भी छेड़छाड़ को लेकर केस दर्ज करा चुकी थी। इसके चलते पुलिस ने तीनों मामलों में जांच शुरू की।

कुछ इस तरह मिले थे ट्विंकल के बॉडी पार्ट्स, दाएं करोतिया और उसका बेटा अजय

कुछ इस तरह मिले थे ट्विंकल के बॉडी पार्ट्स, दाएं करोतिया और उसका बेटा अजय

बारी बारी सबसे पूछताछ,लेकिन नही निकला निष्कर्ष
ट्विंकल के लापता होने के बाद से पुलिस ने उसके मंगेतर अमित से पूछताछ की। लेकिन कोई निष्कर्ष नही निकला। इसके बाद दिनेश साहू और जगदीश करोतिया और उसके बेटों से पूछताछ की गई। लेकिन ट्विंकल को लेकर पुलिस की जांच में कुछ भी सामने नही आया। उल्टा ट्विंकल के माता-पिता पर ही सभी ने दोष मढा। जिसके कारण पुलिस ने गुमशुदगी की जांच बंद कर दी।

ट्विंकल के पिता संजय डागरे।

ट्विंकल के पिता संजय डागरे।

माता-पिता को गुजरना पड़ा नार्को टेस्ट से

ट्विंकल डागरे हत्याकांड शहर का सबसे चर्चित मामला बन चुका था। करीब तीन सालों तक पुलिस के लिए यह मामला सिरदर्द बना रहा। इस दौरान दो एसपी, दो टीआई व एक सीएसपी भी बदल गए। यह मामला गुमशुदगी,अपहरण फिर हत्या और सबूत मिटाने तक पहुंचा। इस मामले में सरकार बदलते ही पुलिस ने एक माह में इसका खुलासा कर दिया। यहां तक की ट्विंकल के माता-पिता और जेल में बंद दो आरोपियों को नार्को टेस्ट से भी गुजरना पड़ा। इसके बाद पर दर परत मामला खुलता गया। आखिर में पुलिस ने इसमें जगदीश करोतिया, उसके बेटे अजय ,विजय, विनय और नीलेश को आरोपी बनाकर सभी को जेल भेजा।

हत्या के बाद जला दी थी ट्विंकल की लाश

हत्या के बाद जला दी थी ट्विंकल की लाश

मां-बाप ने रीगल पर दिया धरना, खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
ट्विंकल के मामले में लगभग बंद हो चुकी जांच को लेकर पिता संजय डागरे और मां रीटा संतुष्ट नही थे। उन्होंने कई बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। सीएम से गुहार लगाई। इसके बाद रीगल पर भूख हड़ताल पर भी बैठे। बाद में थक हार कर उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट में गुहार लगाई । इसमें उन्होंने ट्विंकल के लापता होने के पीछे जगदीश करोतिया और उसके परिवार पर शंका जताई थी। जिसके बाद तत्कालीन एसपी अवधेश गोस्वामी ने कॉल डिटेल और कुछ सबूतों के आधार पर ट्विंकल के मामले में अपहरण को लेकर केस दर्ज किया। बाद में एसआईटी बनाकर फिर से इसकी जांच शुरू की। लेकिन पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस दौरान ट्विंकल के पिता संजय ने हाईकोर्ट में जगदीश करोतिया और उसके बेटों के नार्को टेस्ट कराने की मांग कर दी। इसी दौरान जगदीश करोतिया की ओर से भी ट्विंकल के पिता संजय और मां रीटा पर आरोप लगे कि बेटी की हरकतों के कारण दोनों ने बेटी के साथ कुछ वारदात की है। जिसका आरोप वह उन पर मढ़ रहे है। पुलिस ने मामले में ट्विंकल के पिता संजय,मां रीटा,जगदीश करोतिया और अजय का गुजरात के गांधीनगर में नार्को टेस्ट करवा दिया था।

कांग्रेस सरकार आने पर दूसरे माह में हुआ खुलासा
ट्विंकल के अपहरण,हत्या और सबूत मिटाने के मामले में शुरुआत से पूरा केस राजनीति के रंग में रंगा हुआ था। यहां जगदीश करोतिया और उसके परिवार के लोगों के पास बीजेपी में पद होने से उसका राजनीतिक रसूख था। वही ट्विंकल कांग्रेस नेत्री थी। नार्को टेस्ट होने के बाद पुलिस को कई ऐसे सबूत मिले, जिसके कारण जगदीश पर शक गहरा गया। इसके बाद क्राइम ब्रांच गुपचुप तरीके से पूरे मामले में जांच करती रही। नवंबर 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। जनवरी 2019 में पुलिस ने इस हत्याकांड से पर्दा उठाया। इस मामले में जगदीश करोतिया, उसके बेटे अजय, विजय, विनय और नीलेश कश्यप को आरोपी बनाया गया।

ट्विंकल डागरे (बाएं), आरोपी जगदीश करोतिया (दाएं), मर्डर की कहानी फिल्म दृश्यम जैसी।

ट्विंकल डागरे (बाएं), आरोपी जगदीश करोतिया (दाएं), मर्डर की कहानी फिल्म दृश्यम जैसी।

जगदीश के नौकर को बनाया सरकारी गवाह
इस मामले में पुलिस ने जगदीश के नौकर को सबसे पहले पकड़ा। पुलिस ने इस मामले में जगदीश के नौकर को सरकारी गवाह बनाया था। जिसने 16 अक्टूबर को हुए हत्याकांड से पर्दा उठा दिया। पुलिस की जांच में सामने आया थी कि घटना वाले दिन ट्विंकल सुबह करोतिया के घर पहुंची थी। यहां जगदीश से विवाद हुआ। इसके बाद उसके सिर पर वार हाेने से वह बेसुध हो गई थी। यहां से उसे नीलू उर्फ निलेश कार में खेत पर ले गया और हत्या कर दी। यहां बाद में उसे कचरा गाड़ी में भरकर टिगरीया बादशाह इलाके में अपने गोदाम पर पहुंचे। ऊपर से लकड़ी और अन्य सामान रख उसे जला दिया। यहां रहने वाले चौकीदार ने नीलेश और उसके साथ अन्य लोगों को ट्विंकल के शव को जलाते हुए देख लिया था। उसने भी पूछताछ की तो बताया कि घर का कुत्ता मर गया है। जिसके शव को वह जला रहे हैं। इसके बाद वही से निकलने वाले एक नाले में बचे हुए टुकडों को बहा दिया गया था। पुलिस ने पूरे हत्याकांड से पर्दा उठाने के बाद दो दिन तक जगदीश के गोदाम और आसपास खुदाई कर डीएनए के लिए कुछ सबूत इकट्‌ठा किए थे। इसके बाद बीजेपी ने भी जगदीश ओर उसके बेटे अजय को सभी पदों से हटा दिया था।
तीन आरोपी बाहर, दो मुख्य आरोपी अंदर
इस पूरे मामले को पहले अवैध अतिक्रमण की शिकायतों को लेकर देखा जा रहा था। लेकिन बाद में पता चला कि अवैध संबंधों को लेकर ट्विंकल और जगदीश के बीच विवाद हुए थे। जिसमें अजय ने भी उसका फायदा उठाया था। इसी के चलते परिवार की महिलाओं से ट्विंकल का विवाद भी हुआ था। अब इस मामले में जगदीश के बेटे विनय,विजय और नीलू कश्यप को जमानत मिल चुकी है। जबकि जगदीश करोतिया ओर उसका बेटा अजय अभी भी सेन्ट्रल जेल में विचाराधीन कैदी है। जगदीश करोतिया ने इस हत्याकांड को लेकर हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जिसे सोमवार को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button