वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी-2022 हुई लागू: वॉटर बॉडीज में नहीं बहा सकेंगे बैटरियों का एसिड, भोपाल समेत पूरे प्रदेश में खुलेंगे 56 रिसायकल सेंटर; अभी खुले में फेंक दी जाती हैं

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • Acid Of Batteries Will Not Be Able To Be Shed In Water Bodies, 56 Recycling Centers Will Be Opened In The Entire State Including Bhopal; Just Thrown Out In The Open

भोपालएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक
लेड बैटरी समेत लीथियम व अन्य प्रकार की सभी बैटरियों को रिसायकिल किया जाएगा। इसके लिए भोपाल में 1 और मप्र में ऐसे 56 रिसायकलर्स पीसीबी में रजिस्टर्ड हो चुके हैं। - Dainik Bhaskar

लेड बैटरी समेत लीथियम व अन्य प्रकार की सभी बैटरियों को रिसायकिल किया जाएगा। इसके लिए भोपाल में 1 और मप्र में ऐसे 56 रिसायकलर्स पीसीबी में रजिस्टर्ड हो चुके हैं।

शहर में हर दिन 50 खराब बैटरी एक्सचेंज के लिए डीलर के पास पहुंचती है। जबकि खराब बैटरियों में से 95 फीसदी खुले में फेंक दी जाती हैं और इनका एसिड नाली-नालों के जरिए वॉटर बॉडीज में बहा दिया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। दरअसल अगस्त 2022 में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2022 (संशोधित) पॉलिसी लागू कर दी है।

मप्र में भी इस पर काम शुरू हो गया है। इसके तहत लेड बैटरी समेत लीथियम व अन्य प्रकार की सभी बैटरियों को रिसायकिल किया जाएगा। इसके लिए भोपाल में 1 और मप्र में ऐसे 56 रिसायकलर्स पीसीबी में रजिस्टर्ड हो चुके हैं।

पॉलिसी अपडेट होने के पहले इन डीलर्स की तरफ से पीसीबी को बताया गया कि बीते एक साल में भोपाल ही 18121 बैटरी खराब होने के बाद एक्सचेंज की गई हैं। जबकि इसी एक साल में 44229 लेड बैटरी बेची गई हैं। यह डाटा तो वो है, जो एमपी पॉल्युशन बोर्ड ने केवल अधिकृत बैटरी डीलर्स से एकत्रित किया है, लेकिन असल संख्या इससे कहीं ज्यादा है।

इसकी पुष्टि राज्य स्तरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समिति के सदस्यों ने की। उन्होंने बताया कि शहर में 52 अवैध दुकान चिह्नित की हैं। इनमें एमपी नगर, पुराना कबाड़खाना, शाहजहांनाबाद आदि इलाके शामिल हैं। यह दुकानदार शहर के मैकेनिक, फैक्टरियों से बैटरी ले जाकर अनधिकृत तरीके से रिसायकल कर रहे हैं।

भोपाल में 18 लाख वाहन
परिवहन विभाग के अनुसार भोपाल जिले में करीब 18 लाख वाहन हैं। इनमें हैवी, लाइट, फोर व्हील, टू व्हील, सीएनजी, ई व्हीकल सब शामिल हैं। इसमें से 60 फीसदी यानी करीब 10 लाख दो पहिया और लगभग 5.40 लाख चार पहिया हैं। इनमें से 2.28 लाख सिर्फ कार हैं। बाकी 10 फीसदी यानी 1.80 लाख में से 1600 ई व्हीकल और 1400 सीएनजी वाहन हैं। इनमें से कार व बाइक में एक-एक लेड बैटरी लगी होती है। जबकि ई कार में 8 लीथियम बैटरी और ऑटो में 4 बैटरी होती हैं। वहीं स्कूटर में 2 से 3 बैटरी रहती हैं। इनकी उम्र पूरी होने पर इन्हें रिसायकल करना होगा।

लोगों को क्या करना है- लेड और लीथियम बैटरी रिसायकल के दो तरीके हैं। व्हीकल की बैटरी खराब होने पर डीलर से नई बैटरी लेते समय एक्सचेंज करें। इससे नई बैटरी में डिस्काउंट मिलेगा। वहीं मोबाइल की बैटरी निगम की कचरा गाड़ी को या ई-वेस्ट का काम करने वालों को दी जा सकती है।

पॉलिसी सख्ती से लागू हो
भोपाल में 52 दुकानें चिह्नित की हैं जो लेड बैटरी का अवैध कारोबार कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए हमने सीपीसीबी को लेटर भी लिखे हैं। पॉलिसी को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। – इम्तियाज अली, सदस्य, राज्य स्तरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समिति, मप्र शासन

विक्रेताओं की लिस्ट तैयार की गई है
मप्र में लेड बैटरी के लिए हमने विक्रेता और रिसाइकल करने वालों को लिस्ट तैयार कर दी है। इनके अलावा गैर पंजीकृत को बैटरी बेचना नियमों का उल्ल्घंन है। इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन को लिखते हैं। -बृजेश शर्मा, रीजनल डायरेक्टर, पीसीबी भोपाल

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button