वेदांता एल्युमीनियम ने विकसित किया नया बिस्मथ-एल्युमीनियम एलॉय, टिकाऊ धातु विज्ञान में हासिल की बड़ी उपलब्धि

रायपुर, 22 अक्टूबर 2025। भारत के सबसे बड़े एल्युमीनियम उत्पादक वेदांता एल्युमीनियम ने धातु विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। कंपनी को अपने पहले नए उत्पाद विकास के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ है, जो सीसा और टिन रहित बिस्मथ-एल्युमीनियम एलॉय से संबंधित है। यह एलॉय पर्यावरण के लिए हानिकारक तत्वों — सीसा और टिन — के स्थान पर एक सुरक्षित और स्थायी विकल्प प्रदान करता है।
यह नवाचार न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी एक बड़ी प्रगति है। इस एलॉय के लैब परीक्षणों में पारंपरिक एलॉय की तुलना में 30% अधिक चिकनी सतह, 8% अधिक तन्यता शक्ति, 21% अधिक यील्ड स्ट्रेंथ और 17% अधिक कठोरता दर्ज की गई है।
वेदांता एल्युमीनियम की इन-हाउस अनुसंधान एवं विकास टीम द्वारा विकसित यह एलॉय सतत धातु निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसमें खतरनाक तत्वों जैसे सीसा और टिन की जगह बिस्मथ का उपयोग किया गया है, जिससे यह न केवल वैश्विक पर्यावरण मानकों पर खरा उतरता है, बल्कि बेहतर मशीनिंग क्षमता और मजबूत यांत्रिक प्रदर्शन भी प्रदान करता है।
यह एलॉय ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइल उद्योगों के लिए डिजाइन किया गया है, जहाँ मशीनिंग यानी कटिंग और शेपिंग की प्रक्रियाएँ प्रमुख होती हैं। इसका उपयोग एबीएस मैनिफोल्ड, हाइड्रोलिक मैनिफोल्ड, वाल्व ब्लॉक, ट्रांसमिशन स्लीव, एयर कंडीशनिंग के पुर्जे, स्टीयरिंग योक, ड्राइव शाफ्ट, इलेक्ट्रिकल कनेक्टर जैसे ऑटोमोबाइल पार्ट्स में किया जा सकता है। इसके अलावा, यह कैमरा, घड़ी और मोबाइल फोन के हाउसिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में भी उपयोगी है।
वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ राजीव कुमार ने कहा, “नवाचार और स्थिरता हमारे अनुसंधान एवं विकास के मूल सिद्धांत हैं। यह पेटेंट हमारे प्रयासों की पुष्टि करता है कि हम न केवल सामग्री विज्ञान में नई सीमाएँ तय कर रहे हैं बल्कि हर चरण में पर्यावरणीय जिम्मेदारी को भी शामिल कर रहे हैं। बिस्मथ-एल्युमीनियम एलॉय जिम्मेदार निर्माण का भविष्य दर्शाता है।”
इस नवाचार की प्रेरणा उद्योग जगत की उस बढ़ती माँग से मिली, जिसमें ग्राहक सीसा और टिन वाले पारंपरिक एलॉय जैसे AA6262 और AA6020 के लिए टिकाऊ और उच्च-प्रदर्शन वाले विकल्प चाहते थे। इन पारंपरिक मिश्र धातुओं पर नियामक प्रतिबंधों के कारण अब उद्योग AA6061 और AA6082 जैसे ग्रेड का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इनमें सतह गुणवत्ता और मशीनिंग दक्षता की सीमाएँ हैं।
वेदांता एल्युमीनियम का नया बिस्मथ-एल्युमीनियम एलॉय इन चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करता है। यह स्थिरता, प्रदर्शन और मशीनिंग दक्षता का बेहतरीन संयोजन प्रदान करता है, जिससे उद्योग बिना गुणवत्ता से समझौता किए अधिक पारदर्शी और टिकाऊ उत्पादन की ओर बढ़ सकते हैं।
लैब परीक्षणों के अनुसार, यह एलॉय —
- पारंपरिक ग्रेड की तुलना में 8% अधिक तन्यता शक्ति,
- 21% अधिक यील्ड स्ट्रेंथ,
- 17% अधिक कठोरता,
- और 30% अधिक चिकनी सतह गुणवत्ता प्रदान करता है।
इससे न केवल उत्पादन दक्षता बढ़ती है बल्कि मशीनिंग के दौरान उपकरणों की लाइफ भी लंबी होती है, जिससे ऊर्जा और समय दोनों की बचत होती है।
वेदांता एल्युमीनियम का यह पेटेंटेड एलॉय कंपनी की ‘नेट जीरो 2050’ दृष्टि को मजबूती देता है। यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी राष्ट्रीय पहलों के अनुरूप घरेलू तकनीकी नवाचार को भी प्रोत्साहित करता है।
ऐसे नवाचारों के माध्यम से वेदांता एल्युमीनियम न केवल भारत में टिकाऊ औद्योगिक विकास को गति दे रहा है, बल्कि पर्यावरण अनुकूल धातु विज्ञान और उन्नत निर्माण तकनीकों के नए मानक भी स्थापित कर रहा है।



