विश्व संगीत दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम: नन्हें विद्यार्थियों ने गांधी और शास्त्री बन दी महापुरुषों की सीख, गरबा की आकर्षक प्रस्तुतियां देकर मोह लिया मन

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राजगढ़ (भोपाल)18 मिनट पहले
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राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में स्कूल में शनिवार को विद्यार्थियों ने गरबा नृत्य किया। साथ ही प्री प्राइमरी के नन्हें विद्यार्थियों ने गांधी जी और शास्त्री जी की वेशभूषा में आकर्षक प्रस्तुति दी। गांधी जी और शास्त्री जी बनकर आए छोटे बच्चों ने एक-एक कर मंच पर छोटे नैतिक वाक्य बोल कर दोनों महापुरुषों की सीख बताई। इसके बाद कक्षा वार बच्चों ने गरबा नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया।
मुख्य अतिथि महोदय डॉक्टर रजत नागर ने कहा कि पढ़ाई के साथ ही सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों का विकास बहुत जरूरी है। सांस्कृतिक परंपराओं का निर्वहन करने पर हम में ना सिर्फ आध्यात्मिक और राष्ट्रीय बल्कि तार्किक क्षमताओं का भी विकास होता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मील का पत्थर साबित होता है। स्कूल के प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में गांधी जी तथा शास्त्री जी के जीवन पर बच्चों को नैतिक कहानियां सुनाई साथ ही गरबा का इतिहास और महत्व भी बताया।
गरबा सौभाग्य का प्रतीक- प्राचार्य
प्राचार्य ने बताया कि गरबा सौभाग्य का प्रतीक है। मूल गरबे में तीन तालियां बजाई जाती हैं, वह भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी का आह्वान और आराधना हैं, जिससे शक्ति मां दुर्गा प्रकट हुई, इसीलिए गरबा नवरात्रि में मनाया जाता है।
विश्व संगीत दिवस पर सांस्कृतिक आयोजन का अपना ही महत्व
डॉक्टर दीपिका चौरसिया मैडम ने महात्मा गांधी जी के जीवन वृतांत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1 अक्टूबर विश्व संगीत दिवस पर सांस्कृतिक आयोजन का अपना ही महत्व है। शिवानी मैडम ने गांधी जी और शास्त्री जी से अनुशासन की प्रेरणा लेने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में सोनाली मेहरा मैडम, नेहा पाल मैडम, रेखा नागर मैडम, कुमारी प्रिया गहलोत मैडम सहित सभी स्टाफ अभिभावक और विद्यार्थी मौजूद थे।

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