आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: सभी राज्यों को आदेश – नसबंदी कर कुत्तों को शेल्टर होम में रखें, सड़क पर एक भी आवारा कुत्ता नहीं दिखना चाहिए

नई दिल्ली। देशभर में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। शीर्ष न्यायालय ने शुक्रवार, 7 नवंबर 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे आवारा कुत्तों की नसबंदी कर उन्हें शेल्टर होम में रखें। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अब सड़कों, स्कूल-कॉलेजों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर एक भी आवारा कुत्ता दिखाई नहीं देना चाहिए।
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन निर्देशों का सख्ती से पालन करवाएं और तीन सप्ताह के भीतर अपनी स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा दाखिल करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि आदेश को आठ सप्ताह के भीतर पूरी तरह लागू किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी 2026 को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तीन अहम आदेश दिए। पहला आदेश यह कि सभी राज्य एमिकस क्यूरी की रिपोर्ट के अनुसार कार्य करें और एफिडेविट दाखिल करें। दूसरे आदेश में कहा गया कि राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आवारा पशु नियंत्रण के आदेश को पूरे देश में लागू किया जाए। इसके तहत हाईवे और एक्सप्रेसवे पर से भी आवारा पशुओं को हटाकर उन्हें आश्रय स्थलों में रखा जाए। नगर निगम को निर्देश दिया गया कि वे पेट्रोलिंग टीम बनाएं और 24 घंटे निगरानी रखें। साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने का भी आदेश दिया गया है, ताकि नागरिक सीधे शिकायत दर्ज करा सकें।
तीसरे आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों, खेल परिसरों, अस्पतालों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों में आवारा कुत्तों का प्रवेश पूरी तरह रोका जाए। इन परिसरों में बाड़ लगाकर और अन्य सुरक्षा उपाय अपनाकर कुत्तों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि इन संस्थानों की पहचान दो सप्ताह के भीतर की जाए और आठ सप्ताह में आवश्यक सुरक्षात्मक कार्यवाही पूरी कर ली जाए।
कोर्ट ने कहा कि संबंधित संस्थानों के प्रबंधन द्वारा एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो परिसर के रखरखाव और निगरानी के लिए जिम्मेदार होगा। स्थानीय नगर निगम इन परिसरों का नियमित निरीक्षण करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां कोई आवारा कुत्ता न रह रहा हो। अदालत ने यह भी कहा कि पकड़े गए कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद शेल्टर होम में रखा जाए, उन्हें वापस उसी क्षेत्र में छोड़ने की अनुमति नहीं होगी, क्योंकि इससे इस फैसले का उद्देश्य विफल हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को आवारा कुत्तों से होने वाली घटनाओं और संक्रमण की बढ़ती समस्या को रोकने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। अब सभी राज्य सरकारों को तय समयसीमा के भीतर इस आदेश को लागू करना होगा।




