2 बोरी यूरिया के लिए 10 घंटे का इंतजार: मंदसौर में दिनभर भूखे प्यासे लाइन में लगे रहे किसान, अधिकारी पारिवारिक आयोजनों में व्यस्त

[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Mp
- Mandsaur
- In Mandsaur, The Farmers Were Busy In The Hungry And Thirsty Line All Day Long, Officers Busy In Family Events
मंदसौर27 मिनट पहले
मंदसौर जिले में प्रशासन भले ही भरपूर खाद होने का दावा कर रहा है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। रबी सीजन में इन दिनों अन्नदाता कहड़ के लिए परेशान है। 10 घंटे लाइन में लगने के बाद भी यूरिया के 2 बैग मिल रहे है। यह स्थिति पूरे जिले की है। यूरिया की अधिक खपत के चलते डिफाल्डर और वे खाता धारक जिनके खाते जिला सहकारी बैंक में नहीं है उन्हें गांव की सोसाइटी में खाद नहीं मिल रहा है।
नकद खाद प्राप्त करने के लिए जिले में 9 नकद उर्वरक केंद्र बनाए गए है। इन केंद्रों पर खाद लेने के लिए लंबी-लंबी कतारे लगी है। किसान सुबह 6 बजे कतार में लगता है तो शाम 4 बजे 2 बैग यूरिया के मिल रहे है।
सोसाइटी में डिफाल्डर या खाता नहीं है तो निर्धारित केंद्रों से ही खरीदना पड़ेगा यूरिया
मंदसौर- नीमच जिले में 2 लाख 19 हजार किसानों में से 35 फीसदी किसान कालातीत श्रेणी में हैं। इसके अलावा अन्य बिना खाताधारक किसानों के लिए प्रशासन ने 9 उर्वरक विक्रय केंद्र बनाए है । यहा प्रति किसान को दस्तावेद के आधार पर दो बैग यूरिया दिया जा रहा हैं। किसानों का कहना है कि दस घण्टे कतार मे भूखे प्यासे खड़े रहने के बाद दो बैग यूरिया बमुश्किल मिल रहा है । खेती ज्यादा होगी तो इसी तरह कई दिनों तक अलग अलग बार कतार में लगना पड़ेगा । इसके साथ ही सर्वर की परेशानी अलग है । दिनभर में तीन से चार बार सर्वर डाउन हो जाता है वही सर्वर की स्लो प्रोसेस से भी परेशानी हो रही है ।


इस बार 1700 मीट्रिक टन अधिक खपत
जानकारी के अनुसार पिछले साल नवंबर में 43 हजार 569 मीट्रिक टन खाद का विक्रय हुआ था। इस बार नवंबर में अब तक 1725 मीट्रिक टन अधिक यानी 45 हजार 294 मीट्रिक टन खपत हो चुकी है। माह में अभी 9 दिन बाकी हैं। ऐसे में इन दिनों लग रही लंबी कतारों से यूरिया खाद की अधिक खपत होने के आसार हैं। हालांकि अभी डिमांड पूरी नहीं होने से परेशान होना पड़ रहा है।
प्रशासन से दावों पर किसानों की कतार का सच
खाद की परेशानी की बात प्रशासन सीधे स्वीकार नहीं कर रहा है। स्टॉक के आंकड़ों की बाजीगरी कर प्रशासन खाद का भरपूर स्टॉक होने का दावा कर रहा है। इसके साथ ही रैक नीमच, रतलाम में रेक पॉइंट लगने की बात कहकर संकट समाप्त होने दावा भी किया लेकिन उर्वरक केंद्रों पर कतार कम नहीं हुई है। मामले में डॉ. ए.के. बड़ोनिया, उपसंचालक, कृषि विकास विभाग से सम्पर्क किया तो उन्होंने पारिवारिक कार्यक्रम में होने का बहाना बनाते हुए बात नहीं की।
Source link