विदिशा में पिच्छिका परिवर्तन समारोह: बालक-बालिकाओं का उपनयन संस्कार किया, मंच पर ट्रेन से पहुंचाई पिच्छिका

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विदिशाएक घंटा पहले

विदिशा में जैन समाज मुनि के संघ पिच्छिका परिवर्तन समारोह आयोजित किया गया। इससे पहले बालक एवं बालिकाओं का उपनयन संस्कार किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद थे।

108 आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के शिष्य मुनि सुप्रभसागर महाराज, मुनि प्रणतसागर महाराज, सौम्यसागर महाराज का चतुर्मास विदिशा में चल रहा था जिसका निष्ठापन समारोह आयोजित किया गया। बच्चों के सिर पूरी तरह से मुंडवाकर मुनि श्री ने उस पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाया। पिच्छिका परिवर्तन समारोह संपन्न हुआ। पिच्छिका समारोह में विशेष आकर्षक का केन्द्र ट्रेन थी, जिसके माध्यम से पिच्छिका मंच तक पहुंचाई गई । प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि पिच्छिका रायपुर जंक्शन से गाड़ी संख्या 108 विशुद्ध एक्सप्रेस से विदिशा आई।

मुनि सुप्रभसागर महाराज की पुरानी पिच्छिका रवि देवल परिवार को मिली। मुनि प्रणत सागर जी की पिच्छिका चक्रेश जैन, यश जैन परिवार को मिली। सौम्य सागर महाराज की पुरानी पिच्छिका अशोक जैन, संयम जैन महावीर ट्रैवल्स परिवार को मिली। प्रशांत मतिमाताजी की पिच्छिका राम कुमार जैन गल्ला मंडी वालों को मिली। कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण के साथ तथा आचार्य विद्यासागरजी महाराज आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ।

पिच्छिका परिवर्तन का मंचन किया

इसके वाद आचार्य विशुद्धसागर की भक्तिमय संगीत मय पूजन की गई। इस अवसर पर बालिकाओं ने मयूर पंख लगाकर पिच्छिका परिवर्तन को नाट्य रूप में प्रस्तुति करण किया। इस अवसर पर सागर, भोपाल, गुरसराय, भानपुर, कारीटोरन उप्र, टीकमगढ़, मंडावरा, ललितपुर तथा मुनिसेवक संघ एवं जैनमिलन गुरुवर ने अर्घ्य समर्पित किए।

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