सागर में दुष्कर्मी और दो सहयोगियों को उम्रकैद: स्कूल से नाबालिग को साथ ले गए, जबरदस्ती शादी की और जंगल में ले जाकर किया था दुष्कर्म

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सागरएक घंटा पहले

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प्रतिकात्मक फोटो। - Dainik Bhaskar

प्रतिकात्मक फोटो।

सागर के बंडा थानाक्षेत्र के दलपतपुर के दुष्कर्म के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट व तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश नीलम शुक्ला की कोर्ट में हुई। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए आरोपी रामदास पुत्र किशन लोधी उम्र 32 वर्ष, गौतम पुत्र हल्के लोधी उम्र 36 वर्ष और भालू पुत्र लच्छू लोधी उम्र 28 वर्ष सभी निवासी बंडा क्षेत्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 13-13 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक व अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी रिपा जैन ने की।

अभियोजन के मीडिया प्रभारी एडीपीओ सौरभ डिम्हा ने बताया कि फरियादी की पीड़िता मंझली बेटी अपनी छोटी बहन के साथ 4 फरवरी 2016 को करीब 11.30 बजे साइकिल से दलपतपुर पढ़ने के लिए स्कूल गई थी। शाम करीब 5 बजे उसकी छोटी बेटी घर आ गई। लेकिन पीड़िता घर नहीं आई। छोटी बेटी से उसके बारे में पूछने पर उसने बताया कि वे दोनों बहनें स्कूल में प्रार्थना करके अपनी-अपनी कक्षा में चली गई थी। दोपहर 3 बजे लंच की छुट्टी में बहन स्कूल में दिखी थी। स्कूल की छुट्टी होने पर बहन नहीं दिखी तो वह साइकिल उठाने आई तो उसने देखा कि पीड़िता अपनी साइकिल उठाने नहीं आई। फिर वह अकेली घर आ गई। मामले में परिवार वालों ने पीड़िता की तलाश रिश्तेदारों में की, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला। फरियादी ने थाने पहुंचकर शिकायत की। शिकायत पर दलपतपुर चौकी पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर पीड़िता की तलाश शुरू की। जांच करते हुए पुलिस ने पीड़िता को 2 मार्च 2016 को दस्तयाब किया।

पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि आरोपी भालू लोधी उसे बात करने के लिए और शादी करने के लिए धमकाता था। 4 फरवरी 2016 को दोपहर करीब 3.30 बजे हाई स्कूल से आरोपी बहला-फुसलाकर कर दमोह ले गए थे। वहां उन्होंने उसकी कोर्ट मैरिज भालू से करा दी। जबरदस्ती धमकी देकर कागज पर उसके हस्ताक्षर करा लिए। जिसके बाद सागौनी के जंगल में ले गए। जहां आरोपी भालू ने पीड़िता के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया। आरोपी करीब एक माह तक पीड़िता को अपने साथ रखे रहे। इस दौरान आरोपी उसे जबलपुर और फिर मंडला ले गए। जहां करीब 5 दिन तक रखा। इसी बीच पुलिस ने पीड़िता को दस्तयाब किया था। मामले में पुलिस ने पीड़िता की मेडिकल जांच कराई। बयान लिए। जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की।

मामले की जांच पूरी होने पर प्रकरण का चालान कोर्ट में पेश किया। न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन ने प्रकरण से जुड़े साक्ष्य और दलीलें पेश किए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाते हुए दुष्कर्म के आरोपी भालू लोधी और उसके सहयोगी रामदास लोधी व गौतम लोधी को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही प्रकरण में कोर्ट ने पीड़िता की उम्र और उसके ग्रामीण परिवेश व घटना के परिणामस्वरूप उसके भविष्य के अवसरों पर पड़ने वाले परिणाम को ध्यान रखते हुए 4 लाख रुपए प्रतिकर दिए जाने का आदेश पारित किया।

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