विदिशा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से ग्राउंड रिपोर्ट: एक महीने बाद भी कई लोगों को नहीं मिला मुआवजा और 50 किलो गेहूं

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कपिल जैन, विदिशाएक घंटा पहले
विदिशा में पिछले महीने तेज बारिश और बेतवा नदी की बाढ़ ने भारी ताबाही मचाई थी। शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया था। खेत, घर दुकान, मकान सब पानी में डूब गए थे।बाढ़ का असर राजीव गांधी आवास भी पड़ा था। बाढ़ के पानी से एक मंजिल डूब गई थी। लोगों ने ऊपरी मंजिल पर पहुंच कर अपनी जान बचाई थी। बाढ़ को आए करीब एक महीना बीत गया, लेकिन पीड़ित परिवारों को अब तक राहत नहीं मिली है।
अगस्त में भारी बारिश के बाद बेतवा नदी तीन दिन तक उफान पर रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे नदी सब कुछ खुद में समेट लेना चाहती हो। पानी में कई मकान कच्चे मकान ढह गए थे। घरों में रखा सामान, कपड़े और राशन खराब हो गया था। जब बाढ़ का पानी उतरा तो तबाही का मंजर देख कर लोगों की आंखों में आंसू आए थे। बाढ़ के पानी में उनका सब कुछ बर्बाद हो चुका था। पानी में डूबे रहने से कई मकानों के फर्श तक बैठ गए थे।
सीएम ने दिया मदद का आश्वासन
बाढ़ के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन लोगों के बीच पहुंचे थे। उन्हें हर संभव मदद की बात कही थी। बाढ़ से हुए नुकसान का जल्द से जल्द सर्वे कराकर मुआवजा बांटने के निर्देश दिए थे। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया था कि बाढ़ प्रभावितों को 50-50 किलो गेहूं दिया जाए। CM के निर्देश के एक महीने बाद भी यहां रह रहे कई लोगों को मुआवजा नहीं मिला। कई लोगों को 50 किलो अनाज तक नहीं मिला है। यहां रहने वाले शेर सिंह और शकुन विश्वकर्मा ने बताया कि मैसेज तो आए, लेकिन खाते में रुपए नहीं आए और ना ही गेहूं मिले।

बाढ़ के समय घर पानी में डूबने पर लोगों ने छत पर चढ़कर जान बचाई थी।
ऊपरी मंजिल पर जाकर बचाई थी जान
जब दैनिक भास्कर की टीम ने इन लोगों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि बाढ़ को एक महीना बीत चुका है। आज भी वो समय याद करते हैं तो मन घबरा जाता है। बारिश का पानी बाढ़ का पानी घर तक आ गया था, धीरे-धीरे पानी बढ़ना शुरू हुआ तो हम जान बचाने के लिए ऊपरी मंजिल पर चले गए। ऊपर की मंजिल से चारों तरफ पानी ही पानी था। बाढ़ के पानी मे हम लोगों ने ऊपरी मंजिल पर मुसीबत झेल कर 3 दिन निकाले। प्रशासन और लोगों ने खाने के पैकेट दिए थे। जब बाढ़ का पानी उतरा तो घर देखे, हमारा सब कुछ बर्बाद हो चुका था। हम लोग जैसे-तेसे जीवन यापन कर रहे हैं।
घर का सामान बह गया, कोई मदद नहीं मिली
यहां रहने वाली शकुन विश्वकर्मा ने बताया कि पूरा घर पानी में डूब गया था, मुझे अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है। न ही गेहूं मिले। काॅलोनी के पहले शेर सिंह का घर भी बाढ़ के पानी में डूबा था, शेर सिंह ने बताया कि बाढ़ में घर का सामान बह गया। सब कुछ बर्बाद हो गया। हमें कुछ भी नहीं मिला।
कुछ लोगों को पांच-पांच हजार रुपए मिले
राखी सोनी ने बताया कि कुछ लोगों को पांच-पांच हजार रुपए मिले हैं, कुछ को वह भी नहीं मिले। मोना ने बताया कि सीवेज पाइप से घर में पानी भर गया था। हमें 5 हजार रुपए मिले हैं और कुछ नहीं मिला। सुनीता गुर्जर ने बताया कि बाढ़ के समय तो 5 हजार रुपए और गेहूं देने की बोला था, लेकिन कुछ नहीं मिला।
दोबारा सर्वे कराकर राहत राशि देंगे
इस मामले पर तहसीलदार सुधीर कुशवाह का कहना है कि हमने बाढ़ प्रभावितों के सर्वे में कोशिश की थी कि कोई ना छूटे, सभी को राहत राशि मिले, अगर कोई छूट गया है तो दोबारा सर्वे कराकर उसका नाम जोड़ा जाएगा। उसे राहत राशि दी जाएगी।
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