विजय राज जी महाराज की 64वीं जयंती: राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश आचार्य ने कहा- किसी को दुखी करके सुख की इच्छा ना करें

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मंदसौरएक घंटा पहले
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राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश आचार्य विजय राज जी महाराज की 64वीं जयंती पर नवकार भवन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि चींटी से लेकर हाथी तक सभी जीव सुख चाहते हैं दुख किसी को भी प्रिय नहीं है। किसी को दुखी करके सुख की इच्छा करना अपने हाथों अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारने के समान है।
संतश्री ने कहा कि धन सत्ता और शरीर बल के नशे में आकर कमजोर व्यक्ति को दुख देखकर आनंद मनाता है, लेकिन इसके गंभीर परिणाम से साक्षात परमात्मा भी नहीं बचा सकते हैं। मुनि श्री कमलेश ने बताया कि इंसान तो क्या पशुओं के साथ किए गए दुर्व्यवहार का भी बदला उसकी आत्मा सात जन्म आपका पीछा कर लेगी, छोड़ेगी नहीं।
राष्ट्रसंत ने कहा कि किसी का सुख छीनने वाले से बड़ा पापी और कोई नहीं हो सकता है। वहीं जो अपने सुख का बलिदान कर निस्वार्थ भाव से दूसरों को सुखी बनाता है, वह देव तुल्य होता है। संत श्री ने कहा कि किसी को दुख देने की भावना दिल में आने मात्र से वह राक्षस और शैतान का रूप धारण कर लेता है। परहित सरिस धर्म नहिं भाई पर पीड़ा सम नहिं अजमाही आत्मसात करना ही सच्चे धर्म का पालन करना है।

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