रिकॉर्ड खंगालने पर सामने आई हकीकत: सीएम ने घोषणा की तो 18 महीने में 1780 लोगों ने प्रॉपर्टी का हक पाने आवेदन किए, लेकिन मिला सिर्फ एक को

[ad_1]

भोपालएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक
शिवराज सिंह ने घोषणा कि थी कि हाउसिंग सोसायटी के विवादों को खत्म कर लोगों को न्याय दिलाया जाएगा। - Dainik Bhaskar

शिवराज सिंह ने घोषणा कि थी कि हाउसिंग सोसायटी के विवादों को खत्म कर लोगों को न्याय दिलाया जाएगा।

राजधानी की विवादित 580 हाउसिंग सोसायटी में खरीदी गई जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए लोग सरकारी दफ्तर और अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो रही है। पहले कांग्रेस सरकार ने 2018 में सोसायटी के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अभियान चलाया। इसके बाद बनी भाजपा सरकार ने पीड़ितों के दस्तावेजों की जांच के आधार पर न्याय दिलाने की बात कही थी। लेकिन, इन चार सालों में दोनों ही सरकारों ने सिर्फ वादे किए। हाल ही में विधानसभा सत्र में एक विधायक ने ये सवाल उठाया था कि सीएम शिवराज सिंह ने घोषणा कि थी कि हाउसिंग सोसायटी के विवादों को खत्म कर लोगों को न्याय दिलाया जाएगा।

इसके लिए (6 जनवरी 2021 से 18 अगस्त 2022) 18 महीने का समय तय किया था। इस घोषणा के बाद क्या कार्रवाई की गई? इस पर सहकारिता विभाग द्वारा जवाब दिया गया था कि 18 महीने के भीतर 1780 लोगों ने प्लॉट दिलाने के लिए आवेदन किए थे। कैंप के लिए 60 से ज्यादा अफसरों की टीम लगाकर सोसायटी का रिकॉर्ड खंगाला गया तो पता चला कि सिर्फ एक व्यक्ति को प्लॉट का आवंटन करना पाया गया, जबकि इन 18 महीनों में 34 सोसायटी से जमीन और प्लॉट को अवैध तरीके से बेचे जाने के मामले में मामला दर्ज कर वापस लेने की कार्रवाई शुरू की गई है। 32 सोसायटी द्वारा खुद की वेबसाइट बनाकर विभाग को सूचित कर दिया गया है।

प्लॉट की आस… शहर में 580 विवादित हाउसिंग सोसायटी
विवादित हाउसिंग सोसायटी के पीड़ित 10 से 15 साल से परेशान हैं। कई सोसायटी में बिल्डर और संचालक मंडल की मिलीभगत से जमीन बेच दी गई। कई सोसायटी में गडबड़ी कर मूल सदस्य की जगह बाहरी लोगों को सदस्य बनाकर प्लॉट दे दिए गए। कई सोसायटी में जमीन ही नहीं बची है। कई तो ऐसे पीड़ित भी हैं, जिन्होंने सोसायटी में प्लॉट के लिए रकम जमा कि थी, लेकिन उनकी रजिस्ट्री नहीं कराई गई। हैरानी की बात ये है कि कांग्रेस सरकार 2018 बनी थी।

जनवरी 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने हाउसिंग सोसायटी के पीड़ितों को न्याय दिलाने की घोषणा की थी। उनकी घोषणा के बाद 580 सोसायटी की जांच के लिए अभियान चलाया गया। इस दौरान करीब 14 हाउसिंग सोसायटी के 941 लोगों को चिह्नित किया गया। इसके बाद अचानक सरकार के बदलाव और लॉकडाउन की घोषणा हो गई। फिर पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला। इसके बाद से अफसरों ने पीड़ितों की फाइलों को पलट कर ही नहीं देखा।

यह है हकीकत

44 सदस्य आज भी भटक रहे हैं…
बावड़ियाकलां स्थित गौरव गृह निर्माण हाउसिंग सोसायटी में हुए फर्जीवाड़े की फाइल दोबारा खोली गईं। जांच के बाद हकीकत सामने आई थी कि 1982 में 44 सदस्यों ने 5 एकड़ भूमि बावड़ियाकलां में एक किसान से खरीदी थी। तय हुआ था कि सभी लोगों को 2400 वर्गफीट के प्लाॅट दिए जाएंगे, पर बाद में कुछ सदस्यों ने गुपचुप एक बिल्डर से अनुबंध कर डुप्लेक्स बनाकर बेच दिए। प्लॉट का साइज बदलकर 1312 वर्गफीट कर दिया। -विवेक दीक्षित, सदस्य, गौरव हाउसिंग सोसायटी

​​​​​​समय-समय पर लोगों की सोसायटी से संबंधी शिकायतों का समाधान किया जाता है। रही बात न्याय की तो बहुत सारी सोसायटियों के रिकॉर्ड में गड़बड़ी है, इसलिए कई लोगों को प्लॉट नहीं मिल पाएं हैं। -विनोद सिंह, उपायुक्त सहकारिता

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button