विक्रम-S लॉन्चिंग का MP कनेक्शन: बालाघाट के साइंटिस्ट सौरभ के नेतृत्व में टीम ने संभाला टेक्निकल पार्ट

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अर्पित वैद्य (बालाघाट)15 मिनट पहले

18 नवंबर को लॉन्च किए गए देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-S का MP से कनेक्शन है। बालाघाट के युवा वैज्ञानिक सौरभ पटले ने रॉकेट विक्रम-S की लॉन्चिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सौरभ इस ऑपरेशन के सहायक निदेशक रहे। उन्होंने रडार समेत पूरा टेक्निकल पार्ट हैंडल किया।

ये रॉकेट आवाज की गति से 5 गुना ज्यादा स्पीड से अंतरिक्ष की ओर गया। 81.5 किमी की ऊंचाई पर 3 पेलोड सफलता से इजेक्ट किए। 89.5 किमी की अधिकतम ऊंचाई हासिल की। फिर समुद्र में स्प्लैश डाउन हो गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने इसे श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया। विक्रम-S लॉन्च और इसके टेलिमेट्री ट्रैकिंग सिस्टम (लॉन्चिंग के दौरान निगरानी) के लिए SDSC सुविधाएं दी। लॉन्चिंग के लिए ISTRAC ग्राउंड स्टेशन दिया।

प्राइवेट रॉकेट विक्रम-S के प्रक्षेपण से पहले श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, इसरो के अफसर और स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी के अफसरों के साथ सौरभ पटले।

प्राइवेट रॉकेट विक्रम-S के प्रक्षेपण से पहले श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, इसरो के अफसर और स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी के अफसरों के साथ सौरभ पटले।

टीम के साथ देखा टेक्निकल पार्ट
इसरो की ओर से इसकी देखरेख का पूरा जिम्मा शुरुआत से सौरभ और उनके साथी विनय पर था। उन्होंने टीम के साथ रॉकेट काे सफलतापूर्वक लॉन्च कराया। रॉकेट का नाम विक्रम-S भारत के महान वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। 18 नवंबर को श्रीहरिकोटा में केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।

सौरभ ने स्कूली शिक्षा बालाघाट में पूरी की। इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी IIST त्रिवेंद्रम से एयरो स्पेस में ग्रेजुएशन किया।

सौरभ ने स्कूली शिक्षा बालाघाट में पूरी की। इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी IIST त्रिवेंद्रम से एयरो स्पेस में ग्रेजुएशन किया।

INSPACE के सहायक निदेशक हैं सौरभ
इसरो में सेवाएं दे रहे बालाघाट के सौरभ पटले INSPACE के सहायक निदेशक हैं। सौरभ ने बताया कि उनके साथ टीम में 16 सदस्य हैं। अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनी को बढ़ावा देने के लिए इसरो ने इनस्पेस का गठन किया गया। इस साल 22 जून को हैदराबाद में स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी ने विक्रम-S रॉकेट लॉन्च के लिए अंतरिक्ष में संपर्क किया। तब से वह विक्रम-S लॉन्च के लिए प्रयासरत थे। स्काईरूट कंपनी जब भी इसरो से जानकारी चाही, तो उन्होंने ही समाधान किया। लॉन्चिंग से पहले रॉकेट की मिशन तैयारी और सुरक्षा पहलू की समीक्षा के बाद 16 नवंबर को प्रक्षेपण के लिए मंजूरी दी।

इसरो के एक कार्यक्रम के दौरान सौरभ पटले।

इसरो के एक कार्यक्रम के दौरान सौरभ पटले।

बालाघाट से की 12वीं, IIST त्रिवेन्द्रम से ग्रेजुएशन
सौरभ ने प्रारंभिक शिक्षा बालाघाट के निजी स्कूल से ली। यहां से मैथ्स से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने एक साल IIT की तैयारी की। उनका चयन आईआईटी के लिए हो गया। इसी समय उनका सिलेक्शन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी IIST त्रिवेंद्रम के लिए हुआ। यहां से एयरो स्पेस में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद इसरो में चयन हो गया। 2014 से इसरो के साथ हैं।

पिता देवेंद्र पटले, मां ईतन पटले और पत्नी युक्ति पटले के साथ सौरभ। देवेंद्र निर्वाचन कार्यालय बालाघाट से निर्वाचन पर्यवेक्षक थे।

पिता देवेंद्र पटले, मां ईतन पटले और पत्नी युक्ति पटले के साथ सौरभ। देवेंद्र निर्वाचन कार्यालय बालाघाट से निर्वाचन पर्यवेक्षक थे।

बालाघाट में रहते हैं माता-पिता

सौरभ के पिता देवेंद्र पटले बालाघाट कलेक्टोरेट में जिला निर्वाचन कार्यालय निर्वाचन पर्यवेक्षक पद से रिटायर्ड हैं। मां ईतन पटले, पत्नी युक्ति पटले और 4 बहनें हैं। चारों बहनों की शादी हो चुकी है। माता-पिता बालाघाट में ही रहते हैं। इस रॉकेट की लाॅन्चिंग के बाद सौरभ के परिवार वाले और मित्र गौरवान्वित हैं।

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