विक्रम विश्व विद्यालय वेतन घोटाले में 31 वर्ष बाद सजा: अकाउंटेंट को चार साल की सजा,,सवा लाख रुपए अर्थदंड

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उज्जैन2 घंटे पहले

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उज्जैन, विक्रम विश्व विद्यालय के करीब चार लाख के वेतन घोटाले के केस में 31 साल बाद आये अहम फैसले में मंगलवार को कोर्ट ने फैसला सुनाई । मामले में न्यायालय ने अकाउंटेंट को चार साल की सजा और सवा लाख रुपए अर्थदंड दिया है।

उपसंचालक अभियोजन डॉ.साकेत व्यास ने बताया की घटनानुसार विक्रम विवि में 1987 से वेतन पत्रक में धांधली को लेकर शिकायत की गई थी। लगातार घोटाला होने की शिकायत पर जांच हुई तो पता चला था कि कमरी मार्ग निवासी फजल हुसैन लेखापाल है। उसने चार साल में 3,98000 रुपए का गबन किया है। इस पर विक्रम के तत्कालीन कुलसचिव ने 27 सितंबर 1991 को अलग-अलग मामलों में माधव नगर थाने में आवेदन दिया था।जांच के बाद पुलिस ने फजल के खिलाफ पांच केस दर्ज किए थे। प्रकरण में अब तक की सुनवाई के बाद मंगलवार को अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश संतोष प्रसाद शुक्ला ने फैसला सुनाया। उन्होंने फजल को 5 केस में दोषी सिद्ध होने पर 4-4 साल की सजा व सवा लाख रुपए अर्थदंड दिया। प्रकरण में शासन का पक्ष अपर लोक अभियोजक रुपसिंह राठौड़ ने रखा।

रिटायर्ड की उम्र में सजा

आरोपी फजल विक्रम विश्विद्यालय में राशि लेन देंन का काम देखता था। 4 लाख से भी कम राशि का केस 31 वर्ष तक चला उस समय फजल की उम्र 30 वर्ष के करीब थी। आज 60 वर्ष होने पर कोर्ट ने आरोपी फजल को चार वर्ष सजा सुनाई है।

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