Chhattisgarh

वन अधिकार के निरस्त पट्टों की समीक्षा करने मुख्य सचिव ने ली वी.सी.

धमतरी ,12अक्टूबर। वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत जिला स्तरीय समिति की ओर से व्यक्तिगत वन अधिकार के प्रकरणों में किए गए पुनर्विचार उपरांत निरस्त किए गए प्रकरणों की समीक्षा करने आज दोपहर को मुख्य सचिव अमिताभ जैन की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ली, जिसमें उन्होंने निरस्त किए गए प्रकरणों की जिलावार जानकारी ली। जिले से कलेक्टर पी एस एल्मा ने इस संबंध में जानकारी दी।

बुधवार दोपहर 3.30 बजे आयोजित वी.सी. में प्रदेश के मुख्य सचिव जैन ने निरस्त किए गए व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र की जिलावार समीक्षा की। एनआईसी कक्ष में आयोजित वी.सी. में कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत निरस्त किए गए कुल व्यक्तिगत दावों की संख्या 9665 है। उन्होंने बताया कि इनमें 13 दिसम्बर 2005 के बाद कब्जा होने के 4902 प्रकरण, तीन पीढ़ी के निवास के साक्षय के अभाव में 1439, राजस्व/गैर वन भूमि होने के कारण 333 तथा डुप्लीकेशन के कारण 2991 प्रकरणों को जिला स्तरीय समिति की ओर से निरस्त किया गया है। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि उक्त अधिनियम को और अधिक सरलीकृत करने जल्द ही अधिनियमों की एक बुकलेट भेजी जाएगी, जिसमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं, का स्पष्ट उल्लेख रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पात्र व्यक्ति को अधिनियम का लाभ मिले, यह बहुत ही आवश्यक है, इसलिए अधिनियम की सभी धाराओं से कलेक्टरों व संबंधित अधिकारियों को चिरपरिचित होना चाहिए। इसके पहले आयुक्त आदिवासी विकास विभाग शम्मी आबिदी ने धमतरी सहित कोरिया, महासमुंद, मुंगेली, नारायणपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, सरगुजा, सुकमा, सूरजपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, गरियाबंद, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर-चांपा, जशपुर, कबीरधाम, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा और बालोद जिले के कलेक्टरों से प्रकरणों के निरस्तीकरण के कारणों को लेकर समीक्षा करते हुए सभी जरूरी कार्रवाई नियमानुसार करने के लिए कहा। 

उल्लेखनीय है कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन याचिका के संबंध में जिला स्तरीय समिति की ओर से व्यक्तिगत वन अधिकार प्रकरणों में किए गए पुनर्विचार के उपरांत निरस्ती के कारणों की बिंदुवार समीक्षा आज वी.सी. में की गई। इस अवसर पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास डॉ. रेशमा खान भी उपस्थित थीं।

Related Articles

Back to top button