पार्क का हाल अनदेखी से हो गया बदहाल: तीन साल में 3.50 करोड़ रु हो गए बर्बाद, झूले टूटे दुर्गंध के बीच चल रही ट्रेन

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खंडवा2 घंटे पहले
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म्युजिकल फाउंटेन गाद और बदबूदार पानी के बीच अपनी हकीकत बयां कर रहा है।
शहर का एकमात्र पिकनिक स्पॉट नागचून पार्क लगातार अनदेखी से बदहाल हो गया है। परिसर में पक्षियों की बीट की दुर्गंध तो फव्वारें भी बंद पड़े हैं। पानी में काई जमी है। बदबूदार पानी के बीच ही बच्चों की ट्रेन चल रही हैं। अधिकांश झूले टूटे हैं। कुछ लटकते दिखे। तालाब किनारे ट्रैक पर खरपतवार और झाड़ियां उग आई हैं। 3 साल पहले एनएचडीसी ने 3.50 करोड़ रु. में पार्क को विकसित कर निगम को सौंपा था। हैंडओवर होने के बाद से निगम ने ध्यान नहीं दिया।
इसके बावजूद यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से निगम ठेकेदार 10 रुपए शुल्क वसूल रहा है। पार्क में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। इसके बावजूद जिम्मेदार अफसरों को यहां सबकुछ बेहतर दिखाई दे रहा है। 5 साल पहले नागचून तालाब परिसर में साढ़े 3 करोड़ से एनएचडीसी ने इस पार्क विकसित किया था। करीब 3 साल तक एनएचडीसी ने बेहतर तरीके से संचालन किया। इसके बाद निगम को पार्क हैंडओवर हुआ यह उजाड़ होने लगा। इसका मुख्य कारण लगातार देखरेख नहीं होना है।
नागचून पार्क में ऐसे हैं हालात
सोमवार को जब भास्कर टीम नागचून पार्क पहुंची तो स्थिति बदतर नजर आई। परिसर में प्रवेश करते ही आसपास फैला कचरा, पक्षियों की बीट की दुर्गंध और पैवर ब्लॉक पर काई जमीं थी। गार्डन में पौधे सूख गए थे। कई झूले पूरी तरह टूटे गए तो कुछ जमीन से टिके हुए थे। कुछ झूलों की तो जगह ही बदल गई है। जगह-जगह खरपतवार उगी हुई है। म्यूजिकल फाउंटेन तो पूरी तरह कबाड़ हो गए। म्यूजिक के लिए लगाए गए स्पीकर भी बंद थे।
लोग बोले – पार्क नहीं जंगल, फव्वारों की हालत सैप्टिक टैंक से भी बदतर, तैनात किया जाए गार्ड
सोमवार को पिकनिक मनाने कुछ लोग परिवार सहित नागचून पार्क पहुंचे। 10 रुपए का टिकट लिया, लेकिन प्रवेश करते ही बदहाल स्थिति देख वापस लौट गए। उन्होंने आगे बढ़कर घूमना उचित नहीं समझा। बातचीत में लोगों ने कहा यह पार्क नहीं जंगल है। फव्वारों की हालत तो सैप्टिक टैंक से भी बदतर है। शांत वातावरण में सुकून तो दूर यहां तो सांस लेना भी मुश्किल हैं। लोगों ने सुरक्षा के लिए यहां गार्ड तैनात करने की भी मांग की।
अच्छी है पार्क की स्थिति
पार्क की बदतर स्थिति नहीं है। मेंटेनेंस 2 साल पहले कराया था। देखरेख के लिए आउट सोर्स को ठेकेदार ने दिया है। रोजाना सफाई हो रही है, यदि ऐसा है तो संबंधित व्यक्ति को सूचना दी जाएगी। मामला दिखवाता हूं।
एचआर पांडे, प्रभारी कार्यपालन यंत्री, जनकार्य एवं उद्यान विभाग
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