वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण—केपील का हरित अभियान शुरू, वृहद वृक्षारोपण का लक्ष्य

कोरबा, 15 नवम्बर 2025। राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कोरबा पावर लिमिटेड (केपील), पताड़ी द्वारा ‘हरित केपील’ अभियान की शुरुआत भव्य रूप से की गई। करतला ब्लॉक स्थित संयंत्र परिसर में आयोजित इस अवसर पर सामूहिक वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने का संकल्प लिया गया।

अभियान का नेतृत्व केपील के चीफ बिजनेस ऑफिसर समीर कुमार मित्रा, परियोजना प्रमुख सी.वी.के. प्रसाद, ए. राजागुरु तथा मुला रवि द्वारा किया गया, जबकि मार्गदर्शन आर.एन. शुक्ला ने प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन कंपनी के पर्यावरण विभाग द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य हरित ऊर्जा व पर्यावरण संतुलन के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को मजबूत करना है।
पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष ईशान ताम्रकार एवं आलोक मिश्रा के निर्देशन में कार्यक्रम की शुरुआत वन्दे मातरम् के सामूहिक गायन से हुई। इस दौरान केपील अधिकारियों, ठेका कर्मियों और स्थानीय निवासियों सहित 150 से अधिक लोगों ने सहभागिता की और राष्ट्रगीत के माध्यम से देशभक्ति व प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया।
केपील के शीर्ष प्रबंधन में शामिल जुगल किशोर सेनापति, अखिलेश सिंह, संतोष शर्मा, अतुल गुप्ता और राजेंद्र सांखला ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए नागरिकों से राष्ट्रगीत को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने की अपील की।
औद्योगिक प्रगति के साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने को आवश्यक मानते हुए ‘हरित केपील’ अभियान के दूसरे दिन संयंत्र परिसर में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। उद्यान विभाग के कंवर पाल मलिक के सहयोग से अधिकारियों द्वारा 200 से अधिक पौधे लगाए गए। आने वाले दिनों में इस अभियान का विस्तार आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों तक किया जाएगा, जिसमें स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि यह जन आंदोलन का स्वरूप ले सके।
सामुदायिक विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत अदाणी समूह द्वारा अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ के कोरबा, रायपुर, सरगुजा, दुर्ग, बलौदाबाजार-भाटापारा और बिलासपुर जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना व आजीविका उन्नयन के विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। सरगुजा जिले के आदिवासी बाहुल्य उदयपुर ब्लॉक में पर्यावरण संरक्षण हेतु 1200 एकड़ पुनः प्राप्त भूमि पर 15.50 लाख से अधिक पौधों का घना वन विकसित किया गया है, जो जैव विविधता संरक्षण के प्रति समूह की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।




