लोक आस्था का महापर्व छठपूजा की तैयारियां शुरू: 36 घंटे का निर्जला व्रत रहेंगी महिलाएं, पढ़िए, रामायण के बारे में प्रचलित कथाएं

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सीहोर27 मिनट पहले
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शहर में निवासरत भोजपुरी समाज लोगों ने छठ महापर्व की तैयारियां शुरू कर दी है। समाज के मीडिया प्रभारी राकेश कुमार झा ने बताया कि इस बार सीवन नदी में पर्याप्त पानी है। घाट की सफाई में प्रतिवर्ष अनुसार नगर पालिका का सहयोग रहेगा।
रामायण से एक मान्यता के अनुसार लंका विजय के पश्चात रामराज स्थापना के लिए कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को भगवान राम और सीताजी ने उपवास कर सूर्यदेव की अराधना की थी। सप्तमी को सूर्योदय के समय पुन अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया।
रविवार, 30 अक्टूबर की शाम को लोग डूबते सूर्य को तथा सोमवार 31 अक्टूबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। भोजपुरी समाज के चार दिवसीय छठ महोत्सव का आरम्भ 28 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय के अंतर्गत लौकी चावल का सेवन करते हुए होगा। वहीं शनिवार को खरना करते हुए भगवान को दूध चावल और गुड़ से निर्मित खीर का भोग लगेगा। रविवार शाम को समाज के लोग कच्चे बांस के सूप-डलिए में पूजन सामग्री लेकर घाटों पर जाएंगे ओर सूर्यदेव को अर्घ्य देगें। सोमवार की सुबह ऊगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हुए व्रत का समापन करेगें। पारंपरिक आस्था के अनुसार यह पर्व छत्तीस घंटे का निर्जला व्रत होता है, जो छठ माई की कृपा से बड़े ही आसानी से पूर्ण होता है।
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