लघु सिंचाई परियोजना: किसानों को सिंचित जमीन के हिसाब से मुआवजा

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शिवपुरीएक घंटा पहले

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कोलारस विधानसभा क्षेत्र में बिजरौनी बांध निर्माण से डूब में आ रहीं खेती की जमीन को लेकर सिंचित भूमि होते हुए कुछ किसानों को असिंचित का मुआवजा मंजूर हो गया था। किसानों की आपत्ति के बाद जल संसाधन विभाग संशोधित प्रस्ताव बनाकर भेज रहा है। संबंधित किसानों को सिंचाई की जमीन के हिसाब से बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा। इस वजह से बांध की लागत 2 से 3 करोड़ रुपए और बढ़ जाएगी।

कोलारस विधायक वीरेंद्र सिंह रघुवंशी बुधवार को भोपाल में जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता मदन डाबर से मिले। लघु सिंचाई योजना के तहत बन रहे बिजरौनी बांध के संबंध किसानों की सिंचित जमीन के हिसाब से मुआवजा राशि जारी करने पर चर्चा की। ईएनसी ने शिवपुरी कॉल लगाकर कार्यपालन यंत्री से संशोधित प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को सिंचित जमीन के हिसाब से मुआवजा राशि जल्द जारी की जा सके।

बता दें कि बिजरौनी बांध का अभी तक 35% काम हो चुका है। मुआवजा सहित बांध की लागत लगभग 20 करोड है, जो अब बढ़ जाएगी। हालांकि बांध महज पांच से छह करोड में बन रहा है। इस बांध से चार गांव बिजरौनी, बरोदिया, मगरौरा चक व मेघोनाबड़ा के लिए नहर निकाली जाएंगी। नहर निकलने से किसानों को खेती के लिए पानी मिल सकेगा। बिजरौनी के संग बड़ोखरा बांध मंजूर विधानसभा चुनाव 2018 से पहले हुआ था।

भाजपा सरकार में मंजूर हुआ तब मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शिलान्यास किया था। फिर क्रियान्वयन कांग्रेस सरकार के समय हुआ। भाजपा सत्ता में आई तब कोविड के दो साल काम नहीं हो सके। हालांकि अब काम जारी है।

इधर… कूनो डेम सीरीज की सिर्फ प्रशासकीय स्वीकृति बाकी, सीएम से चर्चा
गुना के बमौरी से शिवपुरी के कोलारस, शिवपुरी व पोहरी होते हुए श्योपुर के वीरपुर तक कूनो नदी पर बांधों की सीरीज बनने जा रही है। 6 हजार करोड की सिंचाई परियोजना से दो लाख हैक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित होगी। विधायक वीरेंद्र रघुवंशी पहले प्रमुख अभियंता से मिले। बांधों की सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अब सिर्फ प्रशासकीय स्वीकृति बाकी है। सीएम शिवराज सिंह ने भी इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। प्रशासकीय स्वीकृति के बाद टेंडर लगेंगे।

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