रैली निकाल लगाए नारे-चाहे जो मजबूरी हो: फिर सड़क पर उतरे पेंशनर्स मांगों को लेकर दिया ज्ञापन

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खरगोनएक घंटा पहले

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चाहे जो मजबूरी हो, मांग हमारी पूरी हो, 27 व 32 माह का एरियर लेकर रहेंगे, अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है, ताना शाही नहीं चलेगी, नही चलेगी… जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर गुरुवार को सेवानिवृत्त पेंशनर वन विभाग लाइन क्वार्टर से कलेक्टोरेट तक पहुंचे। करीब 2 किमी के मार्ग में पेंशनरों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी कर प्रशासन सहित आमजन का ध्यान अपनी ओर खिंचा। पेंशनर्स एसोसिएशन के बैनर तले जिला स्तरीय इस धरना, रैली, ज्ञापन प्रदर्शन में जिलेभर के पेंशनर शामिल हुए। वाहन रैली के रूप में कलेक्टोरेट पहुंचकर शाम करीब 4 बजे मुख्यमंत्री के नाम 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया कि प्रदेश सरकार ने छठे और सवेतन वेतनमान के क्रमश: 32 और 27 माह के एरियर्स का भुगतान न्यायालय के आदेश के बावजूद नहीं किया है। भारत सरकार जहां 38% महंगाई राहत का भुगतान कर रही है तो वहीं प्रदेश सरकार दीपावली के पूर्व 4% महंगाई तोहफा स्वरूप स्वीकार कर अपने कर्मचारियों को स्वीकृत कर 38% करने जा रहा है, जिससे प्रदेश पेंशनर्स 10% महंगाई राहत पीछे हो जाएंगे। राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 (6) के त्रुटिपूर्ण विवेचना के संबंध में भारत सरकार का पत्र 13 नवंबर 2017 के स्पष्टीकरण में स्पष्ट लेख है कि पेंशन देनदारियों के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति लिए बिना पेंशनरों को भी दीपावली तोहफा स्वरुप 10% महंगाई राहत स्वीकृति के आदेश दीपावली पूर्व तक जारी किया जाएं जैसी मांगें शामिल हंै। इस दौरान इंजी. राधेश्याम पाटीदार, मनोहर अत्रे, पुष्पा पटेल, श्रीराम राठौड़ आदि शामिल थे।

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