रीवा से सतना पहुंचा अफ्रीकन स्वाइन फीवर: 17 दिनों में 2350 सूअरों की मौत, रेड जोन वार्ड में 17 को इजेक्शन देकर मारा गया

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रीवा10 मिनट पहले

रीवा शहर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के संक्रमण को रोकने के लिए सूअरों को मारा जा रहा है। यहां 9 अगस्त से 25 अगस्त के बीच 17 दिनों में 2350 सूअरों की मौत हो चुकी है। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डॉ. राजेश मिश्रा की मानें तो वार्ड क्रमांक 15 रतहरा बंसल बस्ती को रेड जोन घोषित कर 23 अगस्त से 25 अगस्त के बीच 17 सूअरों को वैक्सीन देकर मारा गया है।

वहीं 26 अगस्त को गोविंदगढ़ क्षेत्र के मडवा गांव में कुछ सूअरों के मरने सूचना मिली। संयुक्त टीम जांच करने गांव में पहुंची है। टीम में पशु चिकित्सकों के साथ राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, वन विभाग और नगर निगम के एक्सपर्ट शामिल है। रीवा के पड़ोसी जिले सतना के अमरपाटन तक इस बीमारी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। ऐसे में एहतियात के तौर पर रीवा कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर दी है। साथ ही सूअरों के क्रय और विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
असम और नागालैंड के बाद एमपी पहुंचा संक्रमण
एक्सपर्ट टीम के सदस्यों ने बताया कि वर्षों पहले तक यह वायरस सिर्फ असम और नागालैंड तक सीमित था। धीरे धीरे सूअरों के क्रय विक्रय और परिवहन के चलते उत्तर प्रदेश के रास्ते मध्यप्रदेश के रीवा में वायरस पहुंचा। यहां पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस ने जमकर कहर बरपाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों तक दस्तक दे चुका है। 23 अगस्त को यह वायरस उत्तराखंड के सूअरों में पाया गया है।

4 वार्डों पर वर्क पूरा, 41 वार्डों में लिए जाएंगे सैंपल
डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि रीवा शहर में 45 नगर निगम के वार्ड है। वार्ड-15 डेंजर जोन में है, जबकि वार्ड-14, वार्ड-25 और वार्ड-26 में वर्क पूरा हो गया है। अब बचे हुए 41 वार्डों के सेंपल लिए जा रहे है। दूसरा चरण 26 अगस्त से शूरू हो गया है। शुक्रवार को निपनिया और ढेकहा मोहल्ला सहित कुछ अन्य जगहों पर सेंपलिंग चल रही है। रीवा शहर के धोबिया टंकी, बिछिया नदी, नारायण चक्की, पांडेन टोला में भी काफी संख्या में सूअरों की मौत हुई है। यहां वार्ड – 28, 29, 38, 40, 41, 42, 16, 21, 23, 30, 31, 32, 44 और 45 में सूअरों के मौत हुई है।

औसतन 4 से 5 हजार रुपए मिलेगा मुआवजा
कलेक्ट्रेट में बैठक के दौरान जिला प्रशासन ने सूअर पालकों को महामारी से निजात और आर्थिक नुकसान नहीं हो, इसके लिए पशुपालन विभाग ने मुआवजे का ऐलान किया है। सूअर मालिकों को 100 रुपए से लेकर 150 रुपए किलो वजन के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाएगी। औसतन 4 हजार से 5 हजार रुपए प्रति सूअर की किलिंग करने पर दिया जाएगा। सूअर पालकों को रोजगार के विकल्प पर भी प्रशासन विचार कर रहा है।
संक्रमण से मृत सूअरों को उठाने के लिए 8 वाहन तैनात
नगर निगम ने अफ्रीकन स्वाइन फीवर के अटैक से मृत सूअरों को उठाने के लिए 8 वाहन रिजर्व किए हैं। बताया जा रहा है कि 8 अगस्त से मृत सूअरों को उठाने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसके बाद से यह लगातार चल रहा है। नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी की मानें तो कुठुलिया क्षेत्र में सभी को दफनाया जा रहा है।

सूकरों के परिवहन पर प्रतिबंध
शहर में संक्रमण को रोकने की दृष्टि से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनोज पुष्प ने पूरे जिले में सूकरों के परिवहन पर प्रतिबंध के आदेश दिए हैं। यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार सूकरों के परिवहन के साथ-साथ सूकरों के मांस के क्रय-विक्रय एवं परिवहन को भी पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है।सूकरों के मांस खाने पर रोक
पालकों को सूकरों की साफ-सफाई एवं उनके स्वास्थ्य का उचित ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। अपील की गई है कि सूकर पालक संक्रमित सूकरों को स्वस्थ सूकरों से अलग रखें। संक्रमित सूकरों के मांस का किसी भी स्थिति में उपयोग न करें। यह आदेश तत्काल प्रभाव से पूरे जिले में आगामी आदेश तक लागू रहेगा। इसका उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
वेटनरी डॉक्टरों की टीम तैनात
शहर के वार्ड क्रमांक 15 में सूकरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का प्रकोप हुआ है। इसके रोकथाम व रोग का अन्य सूकरों में संक्रमण रोकने के लिए कलेक्टर मनोज पुष्प ने पशु चिकित्सा विभाग के दल तैनात किए हैं। इस दल में पशु चिकित्सक एवं सहयोगी कर्मचारी शामिल किए गए हैं। जारी आदेश के अनुसार संक्रमण से प्रभावित इन्फेक्टेड जोन में डॉ. एसडी पाण्डेय, डॉ. वाईपी सिंह, डॉ. मनीष तिवारी और उनके सहयोगी को तैनात किया गया है।
पुलिस और वन विभाग संयुक्त दल में शामिल
इस दल में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, वन विभाग तथा नगर निगम के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। सर्विलांस जोन में पशु चिकित्सा विभाग के पशु चिकित्सक डॉ. अरूणेन्द्र शुक्ला, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. डीएस बघेल, डॉ. अमित पटेल एवं उनके सहयोगी चिकित्सा कर्मी तैनात किए गए हैं। इस जोन में भी तैनात दल में वन, राजस्व तथा नगर निगम के कर्मचारी शामिल किए गए हैं। तैनात दल उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ राजेश मिश्रा के नियंत्रण में कार्य कर रहे हैं।
अमरपाटन में सुअर घूमते मिले तो लगेगा जुर्माना
पड़ोसी जिले रीवा में सुअरों के जरिए फैलने वाले स्वाइन फ्लू संक्रमण के पांव पसारने के बाद सतना में भी चिंता बढ़ गई है। रीवा जिले से सटे सतना के सीमाई इलाकों में संक्रमण फैलने की आशंका से कलेक्टर ने विभागों को अलर्ट मोड पर रहने और खास तौर पर एहतियात बरतने के आदेश दिए हैं। वहीं सीएमओ ने सुअरों के घूमते मिलने पर जुर्माना लगाने का आदेश भी जारी कर दिया है। अमरपाटन कस्बे के कुचबधिया तालाब के पास शुक्रवार को एक सुअर मृत मिलने से हड़कंप मच गया है। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने रीवा में स्वाइन फ्लू का संक्रमण फैलने के मद्दे नजर सतना में भी अलर्ट जारी कर दिया है। कलेक्टर ने सभी नगर परिषदों के सीएमओ, पशु चिकित्सा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को तैयारियां दुरुस्त रखने के आदेश दिए हैं। रीवा के सीमाई इलाकों में खास तौर पर एहतियात बरतते हुए कलेक्टर ने सुअरों के घूमने पर भी पाबंदी लगाने के आदेश नगर परिषदों को दिए हैं। सीएमएचओ को भी आपात स्थितियों के लिहाज से चिकित्सकीय प्रबंध तैयार रखने और वेटरनरी विभाग को सुअरों की मृत्यु पर नजर रख जांच करने को कहा है।कलेक्टर ने अलर्ट जारी किया उधर अमरपाटन नगर परिषद के सीएमओ ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है। सीएमओ प्रभु शंकर खरे ने सुअर पालन करने वाले पालकों को अपने सुअर बांध कर रखने की हिदायत देते हुए स्पष्ट किया है कि जानवर घूमते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

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