Chhattisgarh

रील्स प्रतियोगिता या झांसा ?– छत्तीसगढ़ी म्यूजिक इंडस्ट्री में नए ठगी के खेल का पर्दाफाश! – वीपीएम

CG CINEMA NEWS : जहां एक ओर छत्तीसगढ़ में अश्लील गीतों को लेकर जनता का गुस्सा सिर चढ़कर बोल रहा है, वहीं अब क्षेत्रीय म्यूजिक इंडस्ट्री के भीतर ही एक और गंभीर मामला उजागर हो रहा है। कुछ प्रॉडक्शन टीम्स द्वारा “रील्स प्रतियोगिता” के नाम पर क्रिएटर्स को बहलाया जा रहा है, लेकिन असल में यह पूरी प्रक्रिया एक सुनियोजित डिजिटल धोखाधड़ी का हिस्सा बनती दिख रही है।इन तथाकथित प्रतियोगिताओं में सैकड़ों उभरते कलाकारों से गीत प्रमोशन के लिए रील्स बनवाई जाती हैं। इनाम, प्रमाणपत्र और डिजिटल पहचान का वादा खुलेआम किया जाता है — लेकिन जब निर्णय की बारी आती है, तो एक नया बहाना सामने आता है: ❝प्रतिभागियों की संख्या बहुत कम थी, इसलिए परिणाम घोषित नहीं किए जा सके।❞

असल में, यह बहाना अब एक सिस्टमेटिक स्क्रिप्ट बन गया है, जिसका इस्तेमाल कई प्रॉडक्शन हाउस बार-बार कर रहे हैं।

विश्वास तोड़ा, भविष्य से खेला

सच यह है कि यह रणनीति सिर्फ एक रील्स प्रतियोगिता नहीं, बल्कि कलाकारों की मेहनत और सपनों के साथ खिलवाड़ है। न सिर्फ उनका समय बर्बाद होता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास और डिजिटल प्रतिष्ठा भी आहत होती है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पत्रकार वेदप्रकाश महंत ने ऐसी मामले को कब्जे में कर प्रोडेक्शन टीमों से चर्चा भी की है। कई प्रॉडक्शन कंपनियों की सूची तैयार हो चुकी है, जिन्होंने न तो प्रतियोगिता का पारदर्शी निर्णय दिया, न ही क्रिएटर्स को वादा अनुसार कोई इनाम या सम्मान दिया।इन कंपनियों के नामों का खुलासा अगली रिपोर्ट में किया जाएगा।

चेतावनी उन प्रोडक्शन हाउस को

अब यह दौर बदल रहा है। क्रिएटर्स अब केवल “ट्रेंडिंग टूल” नहीं, बल्कि समान अधिकार रखने वाले सहयोगी हैं।उन्हें झूठे इनामों का झांसा देना न सिर्फ अनैतिक है, बल्कि यह एक प्रकार का डिजिटल शोषण और विश्वासघात है।
यदि ये कृत्य नहीं रुके, तो कानूनी कार्रवाई, साइबर शिकायत और सार्वजनिक बहिष्कार की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

क्रिएटर्स और प्रोडक्शन टीम से अपील सख्त अपील

किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले स्पष्ट नियम और शर्तें लिखित रूप में शामिल किए जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि निर्णय की समयसीमा पहले से तय हो।केवल प्रचार के लिए उपयोग न हों — आपकी प्रतिभा किसी भी इनाम से कम नहीं।

अब और नहीं !

यह खबर सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक आवाज़ है — उन तमाम क्रिएटर्स के लिए जो हर दिन मेहनत करते हैं, और उन तमाम फरेबियों के लिए जो कला को धंधा समझ बैठे हैं। खबर जारी रहेंगे, उन प्रोडेक्शन टीमों की सूची भी तैयार सामने बहुत लाया जाएगा जो इस तरीके डिजिटल धोखाखड़ी का मामल सामने लाते हैं।

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