रिश्वतखोर एएसआई को 4 साल की जेल: मारपीट के केस को कमजोर बनाने की एवज में मांगे थे दस हजार

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- *:* The Decision Of The Special Judge, The ASI Had Asked For Ten Thousand In Lieu Of Weakening The Assault Case.
दमोहएक घंटा पहले
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दमोह में विश्व भ्रष्टाचार अधिनियम के विशेष न्यायाधीश ने रिश्वतखोर एएसआई को 4 साल की सजा सुनाई है। 7 साल पहले बटियागढ़ में पदस्थ एएसआई ने मारपीट के एक मामले में आरोपी पक्ष से केस कमजोर करने के एवज में दस हजार की मांग की थी। जिसके बाद उन्होंने सागर लोकायुक्त एसपी ने शिकायत की और एसटी को रंगे हाथों पर रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था इसी मामले में मंगलवार शाम न्यायाधीश ने सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक हेमंत कुमार पाण्डेय ने बताया कि 16 दिसम्बर 2015 को काशीराम अहिरवार ने एएसआई बृजमोहन पांडे के खिलाफ लोकायुक्त सागर एसपी से शिकायत की थी। जिसमें उसने बताया कि 08 दिसंबर 2015 को रात्र करीब 7 बजे मेरे बेटे प्रीतम, भतीजे राजा, किशोरी, नन्हे भाई का विवाद गुलाब, कस्सी तथा धिन्नू अहिरवार से हो गया था।
बेटे प्रीतम ने डायल 100 को सूचना दी, जिसके बाद एएसआई बीएम पाण्डेय घटना स्थल पहुंचे, फिर टीआई भी आ गये। उन्होंने मामला शांत कराया और चले गये। इसके बाद 09 दिसम्बर को गुलाब पिता घिन्नु ने थाने जाकर मेरे बेटे और भतीजों की शिकायत कर दी।
जांच करने 15 दिसंबर को एएसआई पाण्डेय मेरे घर पहुंचे और कहा कि तुम्हारा लड़का, भतीजा सब जेल जा रहे हैं। मैंने पूछा क्यों? तो बोले कि शिकायत हुई है। अगर 10 हजार रुपये दोगे, तो तुम्हारा केस हल्का कर देंगे और जल्दी चालान पेश कर जमानत करवा देंगे। लोकयुक्त में शिकायत के बाद 17 दिसम्बर को टीम ने एएसआई को 6000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में दोषसिद्ध पाते हुए न्यायधीश ने धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत 4 वर्ष की सजा और 20 हजार रूपये जुर्माने से दंडित किया गया।
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